Anuppur News Road Blocked On Amarkantak-shahdol Road For Two Hours Demand To Arrest Khadeshwar Baba Killer – Amar Ujala Hindi News Live

चक्का जाम किए हुए लोग
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
अनूपपुर के राजेंद्रग्राम जनपद मुख्यालय में शनिवार को विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल के द्वारा संत खड़ेश्वर बाबा की हत्या के मामले पर राजेंद्रग्राम पुलिस के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किए जाने के आरोप लगाते हुए साधु संतों के साथ ही स्थानीय नगर वासियों के द्वारा इस घटना के विरोध में व्यापारिक प्रतिष्ठानों को बंद करते हुए विरोध जताया गया। इसके बाद स्थानीय स्व सहायता भवन में इस घटना पर पुलिस के द्वारा की जा रही लापरवाही एवं संत की हत्या के लगभग दो महीने बीत जाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होने पर आक्रोश जताया। स्व सहायता भवन से सैकड़ों की संख्या में लोग रैली निकाल कर मुख्य मार्ग पर पहुंचे, जहां पुलिस प्रशासन के विरोध में नारे लगाए गए।
स्थानीय नगर वासियों के द्वारा इस घटना के विरोध में सुबह से ही अपने दुकानों को बंद रखा गया। इसके साथ ही पुलिस भी अलर्ट मोड पर रही। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक इसरार मंसूरी सुबह से ही मौके पर उपस्थित रहे। इसके बाद जोहिला पुल पर साधु संतों एवं स्थानीय नगर वासियों के द्वारा बताया गया कि सात अगस्त को संत खड़ेश्वर बाबा की हत्या की गई थी, जिसके लगभग एक माह बीतने के बाद नौ सितंबर को पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपते हुए सात दिनों के भीतर कार्रवाई की मांग की गई थी। इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके विरोध में जोहिला पुल पर सैकड़ों लोग धरने पर बैठ गए, जिसके कारण चक्का जाम होने से सड़क के दोनों तरफ वाहनों की कतार लग गई।
कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक के आने पर सौंपा ज्ञापन
साधु संतों के द्वारा चक्का जाम एवं विरोध प्रदर्शन के बाद इस मामले को लेकर ज्ञापन सौंपने की बात कही, जिस पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और एसडीएम पुष्पराजगढ़ मौके पर ज्ञापन लेने के लिए पहुंचे। जहां विश्व हिंदू परिषद एवं साधु संतों के द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों के आने पर ही ज्ञापन सौंपने की बात कही गई। इसके बाद अनूपपुर कलेक्टर हर्षल पंचोली एवं पुलिस अधीक्षक मोती उर रहमान मौके पर पहुंचे, जिन्हें राष्ट्रपति के नाम संत भोलागिरी अलबेला महराज खड़ेश्वर बाबा की हत्या के मामले में सीबीआई या सीआईडी जांच कराए जाने की मांग का ज्ञापन सौंपा गया।
इसके साथ ही पुष्पराजगढ़ के अलग-अलग स्थान पर संतों पर हो रहे जानलेवा हमले के मामले पर चिंता जताते हुए पुलिस के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किए जाने के आरोप लगाए गए। साथ ही वन विभाग के द्वारा अमरकंटक में स्थित आश्रमों को हटाने की कोशिश की जा रही है, जिस पर रोक लगाने की मांग की गई। साथ ही पवित्र नगरी अमरकंटक में शराब एवं मांस के विक्रय पर रोक लगाई जाने की मांग की गई। नवरात्रि के पर्व पर राजेंद्र ग्राम में नौ दिनों तक मांस मछली की दुकान बंद कराने तथा शराब बिक्री पर रोक लगाने की मांग की गई।

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