
आर्म्स लाइसेंस
– फोटो : प्रतीकात्मक
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पंजाब में भड़काऊ भाषण देने वाले लोगों, लाइसेंसी हथियार दिखाकर धमकाने, डराने या किसी भी प्रकार के केस व शिकायत की जांच के मामलों में शामिल सभी आर्म्स लाइसेंस को रद्द किया जाएगा। जिन लोगों पर सोशल मीडिया, शादी समारोह या अन्य किसी कार्यक्रम में लाइसेंसी हथियार का वीडियो पोस्ट करने या हथियार चलाने से जुड़े मामले दर्ज हैं, उन मामलों में अलग रिपोर्ट बनाई जाएगी।
ऐसे आर्म्स लाइसेंस को रद्द करने का फैसला डीजीपी स्तर पर होगा। प्रदेश में लॉ एंड ऑर्डर दुरुस्त करने के लिए सीएम भगवंत मान ने इस संबंध में स्पष्ट आदेश जारी किए हैं। उन्होंने प्रदेश में बढ़ते हथियारों के चलन को देखते हुए यह कदम उठाया है। स्पेशल डीजीपी लॉ एंड ऑर्डर अर्पित शुक्ला ने बताया कि पूरे प्रदेश में लाइसेंसी हथियारों पर अगर किसी प्रकार का कोई गैर कानूनी केस दर्ज है, उसे रद्द किया जाएगा।
जानकारी के अनुसार कई नेताओं और नामचीन व्यक्तियों जिनके पास लाइसेंसी हथियार हैं, उनके भड़काऊ भाषण के कारण कई बार प्रदेश में शांति भंग होने का खतरा पैदा हुआ है, यहां तक कि लॉ एंड ऑर्डर को संभालने में अड़चनें आई हैं। अब पुलिस इन सभी का आर्म्स लाइसेंस सस्पेंड करने जा रही है। आर्म्स लाइसेंस इश्यूइंग अथॉरिटी के मुताबिक प्रदेश भर में ऐसे 50 हजार आर्म्स लाइसेंस चिन्हित किए गए हैं।
आर्म्स लाइसेंस धारियों के खतरों का दोबारा होगा मूल्यांकन
प्रदेश में करीब 4 लाख आर्म्स लाइसेंस हैं। जिन लोगों के पास आर्म्स लाइसेंस हैं, उनकी जान को कितना खतरा है, या फिर जिन सुरक्षा कारणों से इन्हें आर्म्स लाइसेंस मुहैया कराया गया है, उन बिंदुओं का दोबारा मूल्यांकन किया जाएगा। पुलिस को अगर लगेगा कि उक्त व्यक्ति को लाइसेंसी हथियार की आवश्यकता नहीं है तो उसे रद्द किया जाएगा।
प्रदेश में हर साल एक लाख लोग करते हैं आवेदन
नए आर्म्स लाइसेंस बनवाने के लिए प्रदेश में हर साल एक लाख लोग आवेदन करते हैं। अप्रैल 2024 में पंजाब पुलिस द्वारा पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में पेश किए एफिडेविट की अगर बात करें तो बीते पांच साल में 34,768 आर्म्स लाइसेंस जारी किए गए थे। इनमें 32,303 न्यू आर्म्स लाइसेंस केवल सेल्फ डिफेंस के नाम पर जारी किए गए थे, सबसे ज्यादा गुरदासपुर में 4,600 के करीब थे।

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