Baba Bageshwar: Pandit Dhirendra Shastri Reached Bodh Gaya, Padyatra, Will Not Hold Katha And Darbar – Amar Ujala Hindi News Live – Baba Bageshwar:पंडित धीरेंद्र शास्त्री पहुंचे गया, कहा

पंडित धीरेंद्र शास्त्री
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
बागेश्वर घाम सरकार आचार्य पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री शुक्रवार की देर रात काशी से सड़क मार्ग से गया पहुंचे। जहां बाबा बागेश्वर की एक छलक पाने के लिए बोधगया में हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच गए। जय श्री राम और बाबा बागेश्वर की जयकारे से पूरा बोधगया गुंज उठा। वहीं पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने लोगों की भीड़ देख कर होटल से बाहर निकल गए। इस दौरान उन्होंने अपने अनुयायियों से कहा कि हम गया जी तीन दिन रहेंगे। पितृपक्ष मेला के बाद गया जी आएंगे।
भारत में विचित्र स्थिति बनी हुई है
पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री हम इस बार भी मैं कोई दरबार या कथा नहीं करेंगे। क्योंकि इससे परेशानी हो सकती है। इसलिए पितृपक्ष मेला के बाद भगवान विष्णु की नगरी में आएंगे। हम बिहार से बहुत प्रेम करते हैं। बिहार के बारे में आस्ट्रेलिया समेत अन्य देशों में भी चर्चा करते हैं। वहीं उन्होंने गया वासियों को बागेश्वर धाम आने का न्यौता भी दिया। आज भारत में विचित्र स्थिति बनी हुई है, यहां भगवान के प्रसाद मे मी मछली का तेल मिला देते हैं।
160 किलोमीटर का पदयात्रा करेंगे
बाबा बागेश्वर ने कहा कि पिछड़े लोगों से मिलने और जात-पात व उच्च नीच को खत्म करने के लिए बागेश्वर धाम से 21 नवंबर से 29 नंबर तक 160 किलोमीटर का पदयात्रा करेंगे। भारत में शांति के साथ सनातनी क्रांति की जरूरत है। इस मुहिम के माध्यम से धर्म विरोधियों के मुंह पर तमाचा मारेंगे। हम नहीं चाहते हिन्दू बेटियों के साथ अत्याचार, संतों की हत्या और बंगला देश में जो हिन्दुओं के साथ हो रहा है, वह नहीं हो। पदयात्रा के दौरान गांव-गांव जाकर लोगों को जगाने का काम करेगे। कुछ लोग वैष्णव धर्म को बर्बाद करने के लिए कुछ भी कर रहे हैं।
मंदिरों की शुद्धता के लिए ऐसा करना चाहिए
यूपी में समाजवादी पार्टी के अफजल अंसारी द्वारा गांजा पर बयान दिया गया था। बताया कि गांजा को भगवान शिव की बूटी समझ कर सभी साधु संत पीते है तो गांजा अवैध क्यों है। इसपर उन्होंने कहा कि पता नहीं अंसारी कहां रहते हैं। हम तो नहीं पीते है। सब एक नहीं होता। अंसारी नाम के लोग तो बहुत सारे आतंकवादी होते हैं पर सब नहीं है। मंदिरों की शुद्धता और पवित्रता बनाए रखने के लिए एक–एक गौशाला रखना चाहिए।

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