मेडिकल फील्ड में करियर बनाना चाहते हो, लेकिन MBBS नहीं करना चाहते? तो BAMS और BHMS आपके लिए दो बढ़िया ऑप्शन्स हैं। एक तरफ आयुर्वेद की ट्रेडिशनल मेडिसिन, दूसरी तरफ होम्योपैथी का अल्टरनेटिव ट्रीटमेंट, लेकिन इनमें से कौन सा कोर्स आपके लिए सही है? दोनों में से किस्मे आप आपने फ्यूचरको बेहतर बना सकते है चलिए जानते है
BAMS यानी बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी, 5.5 साल का कोर्स है, जिसमें 1 साल की इंटर्नशिप शामिल होती है। ये आपको आयुर्वेद की नेचुरल थैरेपीज़ और हर्ब्स के ज़रिए इलाज करना सिखाता है। वहीं, BHMS यानी बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी भी 5.5 साल का है, जो होम्योपैथी पर फोकस करता है। इसमें मरीज़ को छोटी डोज़ में दवाइयां देकर इलाज किया जाता है। दोनों कोर्सेज़ के लिए NEET UG क्वालिफाई करना ज़रूरी है।
BAMS और BHMS में क्या है खास?
BAMS करने के बाद आप आयुर्वेदिक डॉक्टर बन सकते हैं, या क्लिनिकल रिसर्च और पब्लिक हेल्थ में करियर बना सकते हैं। भारत में आयुर्वेद की डिमांड तेज़ी से बढ़ रही है, जिससे इस फील्ड में अच्छी सैलरी मिलती है दूसरी तरफ, BHMS ग्रैजुएट्स होम्योपैथिक डॉक्टर बनते हैं और ग्लोबल लेवल पर प्रैक्टिस कर सकते हैं होम्योपैथी उन देशों में पॉपुलर है, जहां लोग साइड इफेक्ट्स से बचने के लिए अल्टरनेटिव ट्रीटमेंट पसंद करते हैं। दोनों फील्ड्स में हायर स्टडीज़ का ऑप्शन भी है।
आपके लिए कौन सा कोर्स सही?
अगर आपको इंडियन ट्रेडिशनल मेडिसिन में इंटरेस्ट है और भारत में प्रैक्टिस करना चाहते हो, तो BAMS चुनें। लेकिन अगर आप अल्टरनेटिव ट्रीटमेंट में यकीन रखते हो और इंटरनेशनल करियर बनाना चाहते हो, तो BHMS बेहतर है। सैलरी की बात करें, तो अनुभव के साथ BAMS ग्रैजुएट्स भारत में ज़्यादा कमा सकते हैं, जबकि BHMS वालों को विदेश में ज़्यादा स्कोप मिलता है अपने इंटरेस्ट और फ्यूचर गोल्स को देखकर फैसला लें, क्योंकि दोनों फील्ड्स में अच्छा फ्यूचर है।

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