Bhopal: Ppc Chief Asked 10 Questions About Law And Order In The State To Union Home Minister Amit Shah Who Was – Amar Ujala Hindi News Live
देश के गृह मंत्री अमित शाह आज मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में राष्ट्रीय सहकारिता सम्मेलन के आयोजन में शामिल होंगे। गृह मंत्री के दौरे से पहले मध्य प्रदेश प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने प्रदेश के कानून व्यवस्था को लेकर शाह से 10 सवाल पूछे हैं। पटवारी ने ट्वीट कर लिखा कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जी आज मप्र आ रहे हैं! मैं मध्य प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर 10 जरूरी सवालों के जवाब जानना चाहता हूं। पटवारी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह प्रदेश की जनता को इन सवालों का सार्वजनिक और पारदर्शी जवाब दें। यह केवल विपक्ष का सवाल नहीं है, यह उन हजारों परिवारों का दर्द है, जो इस अपराधराज के शिकार बने हैं।
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पीसीसी चीफ जीतू पटवारी के 10 सवाल
1. दलितों पर अत्याचार में मप्र चार साल से नंबर-1 क्यों?
NCRB रिपोर्ट कहती है कि प्रदेश में हर दिन औसतन 16 से ज्यादा दलित उत्पीड़न के मामले दर्ज होते हैं। 2023 में यह संख्या 6,150 से अधिक थी। क्या यही भाजपा का “सबका साथ, सबका विकास” है? क्या यह संविधान निर्माता डॉ. अंबेडकर के साथ विश्वासघात नहीं?
2. आदिवासियों पर अत्याचार में मप्र दूसरे नंबर पर क्यों?
झाबुआ, धार, मंडला, डिंडोरी जैसे जनजातीय बहुल जिलों में आदिवासी समुदाय के साथ दुर्व्यवहार और दमन की घटनाएं लगातार बढ़ी हैं। क्या यह भाजपा की जनजाति विरोधी मानसिकता को उजागर नहीं करता?
3. महिलाओं के खिलाफ अपराधों में टॉप पर क्यों है मप्र?
2023 में मध्यप्रदेश में बलात्कार के 12,500 से ज्यादा मामले दर्ज हुए, जो पूरे देश में सबसे ज्यादा हैं। क्या ये आंकड़े भाजपा की महिला सुरक्षा पर कथित प्रतिबद्धता को झूठा नहीं ठहराते?
4. हर घंटे एक महिला पर अपराध, ये कैसा “सुशासन”?
हर घंटे कोई महिला बलात्कार, छेड़छाड़, घरेलू हिंसा या अपहरण का शिकार होती है। फिर भी मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव गृह मंत्रालय अपने पास रखकर मौन क्यों हैं? क्या यह बेशर्मी की पराकाष्ठा नहीं?
5. व्यापारी, किसान, बच्चियां, कोई सुरक्षित नहीं, कानून व्यवस्था ध्वस्त क्यों?
मुरैना से लेकर मंदसौर और बैतूल से लेकर भोपाल तक, अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। बच्चियों का अपहरण, किसानों से लूट, व्यापारियों से रंगदारी, ये आम हो गया है। सरकार क्या सिर्फ इवेंट मैनेजमेंट के लिए रह गई है?
6. क्या अपराधियों को भाजपा का संरक्षण मिल रहा है?
बलात्कार और हत्या जैसे मामलों में भाजपा से जुड़े कई आरोपियों के नाम सामने आ चुके हैं। कई मामलों में FIR तक दर्ज नहीं होती और आरोपी सत्ता संरक्षण में खुलेआम घूमते हैं। क्या भाजपा की यही ‘न्याय नीति’ है?
7. गृह विभाग मुख्यमंत्री के पास, फिर भी नाकामी क्यों?
जब प्रदेश के मुखिया खुद गृह मंत्रालय संभाल रहे हैं, तो अपराध पर लगाम क्यों नहीं लग रही? क्या यह सीधी प्रशासनिक विफलता नहीं है? केंद्रीय गृहमंत्री क्या मध्य प्रदेश आकर मप्र सरकार के अब तक के सबसे नाकाम गृहमंत्री को कोई सबक देंगे?
8. क्या केंद्र सरकार ने गृहमंत्री को सुधारने की कोई कोशिश की?
केंद्र सरकार और खुद अमित शाह ने पिछले तीन वर्षों में मध्यप्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर क्या कदम उठाए? या सब कुछ राम भरोसे छोड़ दिया गया? केंद्रीय गृह मंत्री को मध्य प्रदेश की जनता को यह बताना चाहिए कि केंद्र सरकार ने हालत सुधारने के लिए क्या किया?
9. पुलिस भर्ती, ट्रेनिंग, मॉडर्नाइजेशन, सब ठप क्यों?
पुलिस बल में हजारों पद खाली हैं। प्रशिक्षण सुविधाएं बदहाल हैं, साइबर क्राइम यूनिट्स कमजोर हैं। क्या यह वजह नहीं है कि अपराधियों के हौसले बुलंद हैं और पुलिस हाथ पर हाथ धरे खड़ी है?
10. ‘डबल इंजन सरकार’ या डबल फेलियर?
क्या अमित शाह और नरेंद्र मोदी की ‘डबल इंजन सरकार’ मानती है कि मप्र में वह जनता की सुरक्षा, सम्मान और शांति देने में पूरी तरह विफल रही है? तथ्य के साथ यह यदि सच है तो इस विपरीत स्थिति को सुधारने के लिए डबल इंजन की दिशा को बदल क्यों नहीं जा रहा है?
