वाराणसी: BHU के हिंदी विभाग के बाहर विरोध-प्रदर्शन करते छात्र। – फाइल फोटोआए दिन काशी हिंदू विश्वविद्यालय की PhD एडमिशन की प्रक्रिया और RET यानी कि रिसर्च एंट्रेंस टेस्ट पर सवाल खड़े होते रहते हैं। जब भी PhD का कोई रिजल्ट आता है और इसमें जिन छात्रों का सेलेक्शन नहीं होता, वे विभाग की तालाबंदी कर कई-कई दिन धरने पर बैठ जाते हैं। विभाग में पठन-पाठन बाधित हो जाता है। बीते कई दिनों से कैंपस में यही हो रहा है। PhD एडमिशन में धांधली का आरोप लगाकर छात्र काफी गुस्से में हैं। रह-रहकर धरना प्रदर्शन ओर विरोध कर रहे हैं। इसे लेकर BHU प्रशासन अब हरकत में आया है।BHU के कुलपति प्रोफेसर सुधीर कुमार जैन ने एक 5 सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का गठन कर दिया है। यह कमेटी PhD एडमिशन में छात्रों द्वारा लगाए गए धांधली के आरोपों की जांच करेगी। कमेटी को कहा गया है कि आप अपने रिकमंडेशंस जल्द से जल्द सबमिट करें। जांच में BHU के 4 विभागों की PhD एडमिशन प्रक्रिया को शामिल किया गया है, जिसकी जांच कमेटी द्वारा की जाएगी।विभाग पर लग रहे आरोपों की वजह क्या है ?कमेटी पता लगाएगी कि जो भी आरोप BHU के विभागों, प्रोफेसरों और कर्मचारियों पर लग रहे हैं, उसके पीछे क्या वजह है। कुलसचिव कार्यालय की ओर से नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है। छात्रों का कहना है, ” सेलेक्शन कमेटी के सदस्य अपने परिचितों को इंटरव्यू में बेहतर मार्क्स दिलाते हैं। वहीं कई JRF क्वालिफाइड को नजरअंदाज कर दिया जाता है। इसके साथ ही छात्रों का आरोप है कि जिन छात्रों की योग्यता नहीं होती, उन्हें जरूरत से ज्यादा अंक दिए जाते हैं। जबकि, चयन समिति के सदस्य बताते हैं कि सेलेक्शन में API स्कोर यानी कि ओवरआल मेरिट और प्रजेंटेशन को आधार बनाया जाता है।इन विभागों की होगी जांचकमेटी को निर्देश दिया गया है कि BHU के हिंदी, सामाजिक विज्ञान, भूगोल, प्राचीन इतिहास और पुरातत्व विभाग में PhD एडमिशन (RET/RET एक्जंप्टेड) को लेकर छात्रों में जो असंतोष है उसका निराकरण करे। कमेटी का कनवेनर बायोकेमेस्ट्री के प्रो. एस श्रीकृष्णा को बनाया गया है। वहीं, सदस्यों के तौर पर फैकल्टी ऑफ लॉ के आरके मुरली, फिलॉसफी के प्रो. एससी दुबे, हिस्ट्री से प्रो. ताबीर कलाम और सीई ऑफिस के असिस्टेंट रिजस्ट्रार को सचिव सदस्य की जिम्मेदारी दी गई है।छात्र बैठे थे आमरण अनशन परहिंदी विभाग के बाहर छात्र कई दिनों से आमरण अनशन पर बैठे हैं। इसमें एक छात्रा भी है, जिसकी तबियत कल बिगड़ गई थी। इस दौरान हिंदी विभाग के बाहर काफी देर तक एंबुलेंस खड़ी रही। वहीं सामाजिक विज्ञान संकाय में समाजशास्त्र के छात्रों द्वारा कुछ दिन पहले तक धरना-प्रदर्शन किया गया।

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