Bihar:दवा कारोबारी के घर पर्ची फेंककर मांगी 10 लाख की रंगदारी; पुलिस ने तीन लोगों को किया गिरफ्तार – Extortion Of 10 Lakhs Sought By Throwing Slip At Drug Dealer’s House In Samastipur; Three People Arrested

पुलिस की गिरफ्त में आरोपी
– फोटो : अमर उजाला
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बिहार के समस्तीपुर जिला एसआईटी की टीम ने बेगूसराय और मोरवा थाना क्षेत्र में छापेमारी कर तीन बदमाशों को गिरफ्तार किया है। दरअसल, गिरफ्तार लोगों पर मुसरीघरारी थाना क्षेत्र के दवा व कीटनाशक कारोबारी से दस लाख की रंगदारी मांगने का आरोप है। गिरफ्तार बदमाशों की पहचान बेगूसराय जिले के बेगम सराय थाना क्षेत्र के राकेश कुमार, मुसरीघरारी थाना क्षेत्र के गंगापुर वार्ड नौ निवासी रजनीश कुमार और मडवाडी के वार्ड 13 निवासी रोशन कुमार के रूप में की गई है।
एसपी विनय तिवारी ने शनिवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन के दौरान बताया कि गत 11 मई की रात में मुसरीघरारी थानांतर्गत दवा एवं कीटनाशक खाद व्यवसायी से रंगदारी की मांग की गई थी। व्यवसायी के घर पर तीन अज्ञात बदमाश हेलमेट पहने हुए आए और एक टाइप किया हुआ फर्चा फेंक कर चले गए। पर्चे पर दस लाख रुपये की फिरौती की मांग की गई थी। रंगदारी नहीं देने पर जान से मारने की धमकी दी गई थी। एसपी ने बताया कि फिरौती की रकम रुपाली हाईस्कूल के निकट NH 28 पर पहुंचने को कहा गया था।
कारोबारी ने दर्ज कराई थी प्राथमिकी
मामले की गंभीरता को देखते हुए कारोबारी ने मामले की जानकारी मुसरीघरारी पुलिस को दी थी। पुलिस ने इस मामले पर अज्ञात बदमाशों पर प्राथमिकी दर्ज की थी। इस मामले में पुलिस ने एसआईटी का गठन किया था। वैज्ञानिक और तकनीकी जांच के आधार पर इस मामले में बेगूसराय जिले के बेगम सराय थाना क्षेत्र से राकेश कुमार को गिरफ्तार किया गया। राकेश की निशानदेही पर मोरवा थाना क्षेत्र से गिरफ्तारी की गई।
पांच लोगों ने बनाई थी रंगदारी मांगने की योजना
एसपी ने बताया कि गिरफ्तार बदमाशों ने अपराध स्वीकार किया है। उन्होंने अपराधकर्मी अखिलेश कुमार के घर/दुकान जहां से परचा छपने की बात बताई है। इसके कार्य में प्रयुक्त कंप्यूटर और सीपीयू पुलिस ने जब्त कर लिया है। एसपी ने बताया कि तीन महीने पहले ही ताजपुर अंतर्गत मोरवा मंदिर पर रंगदारी मांगने की साजिश रची गई थी। इसमें राकेश कुमार, रजनीश कुमार, रौशन कुमार, अखिलेश कुमार, संदीप कुमार और विशाल उर्फ विश्वजीत शामिल थे। एसपी ने बताया कि 12 जून को अखिलेश कुमार ने फर्जी सिम उपलब्ध कराया था। उसके बाद राकेश कुमार ने अपने घर से मोबाइल लाकर फिरौती के लिए दवा व्यवसायी को कॉल किया था।

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