डॉ. भीमराव आंबेडकर की जयंती के अवसर पर सोमवार को आरा शहर में भव्य शोभायात्रा निकाली गई। यह शोभायात्रा आंबेडकर सेवा समिति के बैनर तले रमना मैदान स्थित बाबा साहब की प्रतिमा से आरंभ होकर शहर का भ्रमण करते हुए पुनः उसी स्थान पर समाप्त हुई। इस दौरान शोभायात्रा में भगवा झंडे पर बाबा साहब की तस्वीर लगाई गई, जिसे लेकर शहर में चर्चाओं का दौर तेज हो गया है।
आमतौर पर आंबेडकर से जुड़े कार्यक्रमों में नीले झंडे का इस्तेमाल होता है, जो उनकी विचारधारा और दलित आंदोलन का प्रतीक माना जाता है। लेकिन इस बार पहली बार ऐसा देखने को मिला कि भगवा ध्वज पर बाबा साहब की तस्वीर लगाई गई, जिससे यह कार्यक्रम चर्चा का विषय बन गया।
शोभायात्रा की अध्यक्षता अभय विश्वास भट्ट ने की, जबकि सचिव के रूप में यशवंत नारायण मौजूद रहे। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष डॉ. प्रेम रंजन चतुर्वेदी शामिल हुए। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि बाबा साहब भारत के भगवान हैं और हम भगवान को भगवा ध्वज पर ही स्थान देते हैं। संविधान में ऐसा कहीं नहीं लिखा है कि आंबेडकर जी की तस्वीर केवल नीले झंडे पर ही लगाई जा सकती है। यह केवल एक भ्रम है, जिसे तोड़ने का प्रयास हमारी समिति ने किया है।
वहीं, शहरवासियों की प्रतिक्रिया इस मुद्दे पर बंटी हुई नजर आई। कुछ लोगों ने भगवा झंडे पर आंबेडकर की तस्वीर को नया प्रयोग बताते हुए सराहा, जबकि कुछ ने इसे परंपरा और विचारधारा के खिलाफ बताया।