Bihar: Mastermind Birendra Rishi Illegally Occupied 18 Acres Of Land In Araria, Bihar News, Purnia News – Amar Ujala Hindi News Live

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– फोटो : अमर उजाला
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अररिया जिले महलगांव थाना क्षेत्र के मलहरिया पोखरिया में जमीन का अवैध कब्जा कराने का मास्टरमाइंड बीरेंद्र ऋषि है। जमीन पर कब्जा करने से पहले बीरेंद्र ऋषि ने पहले एक लोहार के यहां तीर और धनुष बनवाया। उसके बाद अपने समर्थकों को तीर-धनुष चलाने का प्रशिक्षण दिया और उन्हें अवैध कब्जे के लिए उकसाया। जमीन पर कब्जा करने से पहले ही घर के आस पास के गांव में बैठक कर प्लान बनाया। उसके बाद 23 सितंबर (सोमवार) को अहले सुबह अपने समर्थकों और करीब 300 लोगों के साथ मिलकर जमीनदार भूपनारायण यादव की 18 एकड़ 79 डिसमिल जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया। जब पुलिस ने अवैध कब्जा छुड़ाने का प्रयास किया, तो बीरेंद्र ऋषि ने समर्थकों के साथ मिलकर पुलिस पर तीर धनुष से हमला कर दिया। बताइए अभी जाता है कि तीर धनुष चलने के बाद पुलिस अपने बचाव में हवाई फायरिंग की है।
बीरेंद्र ऋषि के समर्थकों ने पुलिस पर हमला कर दिया
मलहरिया पोखरिया गांव के स्थानीय लोगों ने बताया कि अररिया महलगांव थाना के मलेहरिया पोखरिया वार्ड गांव एक में चैनपुर गांव के रहने वाले जमीनदार भूपनारायण यादव की 18 एकड़ 79 डिसमिल जमीन है। मास्टरमाइंड बीरेंद्र ऋषि आसपास के गांव के 200 लोगों को जमीन का लोभ दिया और उनसे सभी से पांच हजार रुपए भी लिए। उसके बाद 18 एकड़ 79 डिसमिल जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया था। जब पुलिस ने अवैध कब्जा छुड़ाने का प्रयास किया, तो बीरेंद्र ऋषि के समर्थकों ने पुलिस पर हमला कर दिया। इस हमले में जोकीहाट थाने के 2 पुलिस अधिकारी घायल हो गए। सब इंस्पेक्टर नुसरत की आंख के पास तीर लगी थी। इनके साथ ही एएसआई बीरेंद्र कुमार नट को भी चोट आई। हालांकि, प्राथमिक इलाज के बाद बीरेंद्र को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। वहीं ऑपरेशन के बाद अब महिला एसआई खतरे से बाहर बताई जा रही है। पुलिस ने मामले में बीरेंद्र ऋषिदेव, उसके पिता सुर्ति ऋषिदेव समेत 25 लोगों को नामजद आरोपी बनाया है। साथ में करीब 250 से 300 अज्ञात के खिलाफ भी प्राथमिकी कर बीरेंद्र ऋषि की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू कर दी है। इस मामले में आगे की जांच जारी है।
अवैध कब्जा करने का खेल 2015 से शुरू हुआ
जमीन का अवैध कब्जा का कारण प्रशासन का एक चूक है। बताया जाता है कि अररिया जिले के जोकीहाट अंचल कार्यालय के द्वारा बीते 35 साल पूर्व जमींदार भूपनारायण यादव की 18 एकड़ 79 डिसमिल जमीन को बिना जांच के ही करीब 100 महादलित परिवारों को लाल कार्ड घोषित कर दिया था। जब जमींदार भूपनारायण यादव को इसकी भनक लगी तो उन्होंने कोर्ट में प्रशासन के खिलाफ लड़ाई लड़ी। और जीत भी हासिल की। उसके बाद 2015 में महादलित परिवारों को आंचल प्रशासन ने बुलाकर पहले सभी को समझाया उसके बाद लाल कार्ड को रद्द कर दिया। लाल कार्ड रद्द होने के बाद भी महादलित परिवार के लोग नहीं माने। वहीं से मास्टरमाइंड वीरेंदर ऋषि आगे आएं और जमीन पर अवैध कब्जा करने का खेल 2015 से शुरू हुआ।
गजट प्रकाशित करवाकर सभी लाल कार्ड को रद्द कर दिया
जमीन मालिक भूपनारयण यादव ने बताया कि खाता 340 खेसरा 219 में कुल रकबा 18 एकड़ 79 डिसमिल जमीन उनलोगों की खतियानी जमीन है। करीब 35 वर्ष पूर्व करीब 100 महादलित परिवारों को उसी जमीन का लाल कार्ड बनाकर दे दिया। जब इस बात की जानकारी उनलोगों को हुई तो वे लोग कार्ड बनाने के विरोध में न्यायालय में वाद दाखिल किया। 2002 में ही न्यायालय ने वाद की सुनवाई करते हुए उनके पक्ष में फैसला दिया। इस मामले में न्यायालय ने गजट प्रकाशित करवाकर सभी लाल कार्ड को रद्द कर दिया। इसके बाद अंचल कार्यालय से वर्ष 2015 में जमीन को लेकर दोनों पक्षों को दस्तावेज के साथ बुलाया। वे लोग अंचल कार्यालय जाकर पूरे दस्तावेज का भी अवलोकन कराया। इसके बाद अंचल कार्यालय से महादलितों को कहा गया कि आपलोगों का लाल कार्ड रद्द कर दिया गया है। इसके बाद भी महादलित समुदाय के लोग उनकी जमीन पर कब्जे का प्रयास करते रहते हैं।

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