Bihar News: Abvp Created Ruckus In Supaul’s Bss College, Misbehaved With The Vice Chancellor; Protests – Amar Ujala Hindi News Live

प्रदर्शन करते अभाविप के कार्यकर्ता।
– फोटो : अमर उजाला
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सुपौल के बीएसएस कॉलेज में शनिवार को अभाविप से जुड़े छात्रों ने जमकर हंगामा किया। दरअसल, बीएन मंडल विश्वविद्यालय मधेपुरा ने अपने स्थापना काल से अब तक पहली बार सिंडिकेट की बैठक विश्वविद्यालय परिसर से बाहर शनिवार को बुलाई थी। बैठक सुपौल के बीएसएस कॉलेज सभागार में सुबह 10 बजे से निर्धारित थी। जहां विश्वविद्यालय से जुड़े कई अहम बिंदुओं पर विचार होना था। लेकिन, बैठक शुरू होने के पहले ही सहरसा, मधेपुरा और सुपौल के अभाविप कार्यकर्ता बीएसएस कॉलेज पहुंच गए। कार्यकर्ताओं ने कॉलेज का मुख्य द्वार जाम कर दिया और बीएनएमयू प्रशासन के विरुद्ध जम कर नारेबाजी करने लगे। छात्रों ने विश्वविद्यालय के कुलपति पर छात्रों की अनदेखी और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। इस दौरान बैठक में शामिल होने पहुंचे कुलपति डॉ बिमलेंदु शेखर झा से भी धक्का-मुक्की की। इधर, हंगामे के बीच वीसी को बैरंग वापस लौटना पड़ा। वही दोपहर 12 बजे तक बैठक शुरू नहीं हो सका। फिलहाल विश्विद्यालय प्रशासन और स्थानीय पुलिस द्वारा छात्रों को समझाने का प्रयास जारी है।
छात्रों ने वीसी पर लगाया भ्रष्टाचार का आरोप, बोले, मंत्री की धमकी देते हैं
विरोध प्रदर्शन में शामिल अभाविप के प्रदेश अभिषेक यादव ने आरोप लगाया कि बीते आठ महीनों के कार्यकाल में बीसी ने छात्र हित में कोई काम नहीं किया है। वह भ्रष्टाचार में लिप्त रहते हैं। वही समस्याओं को लेकर उनसे कोई छात्र नेता मिलने जाता है तो मिलते नहीं हैं, कॉल भी नहीं लेते हैं। इसके अलावा छात्रों को मंत्री की धमकी दी जाती है। वीसी कहते हैं कि वह मंत्री के आदमी हैं। लेकिन अभाविप डरने वाला नहीं है। अगर जरूरत पड़ी तो राजभवन का भी घेराव किया जाएगा।
हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का आदेश भी नहीं मानते हैं वीसी
अभाविप की प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य समीक्षा यदुवंशी ने कहा कि विश्विद्यालय में छात्रों की परेशानी सुनने के लिए कुलपति तैयार नहीं हैं। यहां तक कि वह छात्रों से मिलते भी नहीं हैं। विश्विद्यालय में छात्रावास, पेयजल और रेस्ट रूम जैसी मूलभूत समस्याओं के निदान के लिए भी पहल नहीं हो रही है। वह कर्मियों के वेतन भुगतान के लिए भी रिश्वत लेते हैं। मनमर्जी तरीके से 82 कर्मियों की छटनी कर दी। सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट आदेश के बावजूद एससी एसटी छात्राओं से भी फीस वसूली जा रही है। हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद कई कर्मियों का वेतन रोका हुआ है। वीसी खुद को हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से भी ऊपर मान रहे हैं। छात्रों की समस्या की अनदेखी करने वाले वीसी निजी कॉलेजों के उद्घाटन के लिए सुलभ तरीके से उपलब्ध रहते हैं।
डर की वजह से मधेपुरा से सुपौल भागे हैं वीसी
प्रदर्शनकारी छात्रों ने आरोप लगाया कि विश्विद्यालय की फीस में बेतहाशा बढ़ोतरी हो रही है। लेकिन छात्रों की समस्याएं जस की तस हैं। कहा कि सिंडिकेट बैठक में सवालों से भागने और विरोध के डर से ही बैठक को विश्विद्यालय परिसर से बाहर आयोजित किया जा रहा है। सवाल उठाया कि अगर बैठक में किसी अहम विषय पर चर्चा होगी तो वीसी उसकी फाइल कहां से मंगाएंगे। ऐसे में सवाल को टाल दिया जाएगा। जबकि विश्विद्यालय में बैठक होने पर तत्काल फाइल मंगवाना उनकी मजबूरी होती। छात्रों ने तत्काल समस्याओं पर सुनवाई नहीं होने की स्थिति में राज्यव्यापी आंदोलन और राजभवन घेराव की चेतावनी दी।

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