Bihar News: Brajesh Thakur Brought To Muzaffarpur From Tihar Jail For Court Appearance In Sudhar Grih Case – Amar Ujala Hindi News Live – Bihar News:मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड का आरोपी बिहार क्यों आया? आरोपों को लेकर कहा

ब्रजेश ठाकुर को बयान दर्ज कराने के लिए मुजफ्फरपुर कोर्ट में पेश किया गया
– फोटो : अमर उजाला
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मुजफ्फरपुर के चर्चित सुधार गृह मामले में सोमवार को मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को कड़ी सुरक्षा के बीच दिल्ली के तिहाड़ जेल से मुजफ्फरपुर की विशेष अनुसूचित जाति/जनजाति (एससी/एसटी) कोर्ट में पेश किया गया। दरअसल, ब्रजेश ठाकुर बालिका गृह कांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है और वर्तमान में दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है। उसे सुधार गृह मामले में बयान दर्ज कराने के लिए कोर्ट में लाया गया था।
ब्रजेश ठाकुर ने किया सभी आरोपों से इनकार
सुधार गृह मामले में ब्रजेश ठाकुर का सफाई बयान आज विशेष एससी/एसटी कोर्ट में दर्ज किया गया। कोर्ट में उसने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को निराधार बताया और सफाई में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने मामले में आगे की सुनवाई और फैसले पर बहस के लिए 17 अक्तूबर 2024 की तिथि तय की है। इस दिन सह-आरोपी शाइस्ता परवीन उर्फ मधु के मामले में भी सुनवाई होगी, जो कि ब्रजेश ठाकुर की राजदार मानी जाती है और उसके खिलाफ अलग से ट्रायल चल रहा है।
कड़ी सुरक्षा के बीच तिहाड़ से मुजफ्फरपुर लाया गया
जानकारी के मुताबिक, ब्रजेश ठाकुर को तिहाड़ जेल प्रशासन की सुरक्षा टीम द्वारा ट्रेन से मुजफ्फरपुर लाया गया। दोपहर बाद चार बजे उसे मुजफ्फरपुर जिला कोर्ट की विशेष एससी/एसटी कोर्ट में पेश किया गया। पेशी के बाद उसे कड़ी सुरक्षा में पुनः तिहाड़ जेल ले जाया गया। इस दौरान जेल प्रशासन और सुरक्षा कर्मियों की मौजूदगी में पूरी प्रक्रिया संपन्न हुई।
सुधार गृह मामला क्या है?
सुधार गृह मामले की जड़ें वर्ष 2018 के चर्चित मुजफ्फरपुर के बालिका गृह कांड से जुड़ी हैं। बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग ने ब्रजेश ठाकुर के एनजीओ ‘सेवा संकल्प एवं विकास समिति’ को न सिर्फ बालिका गृह बल्कि एक सुधार गृह चलाने का भी जिम्मा सौंपा था। बालिका गृह कांड के खुलासे के बाद, राज्य मुख्यालय से मिले निर्देश पर जिला प्रशासन ने ब्रजेश ठाकुर के एनजीओ द्वारा संचालित अन्य संस्थानों का भी सत्यापन शुरू किया।
जांच में सामने आया कि सुधार गृह से 11 महिलाएं और उनके चार बच्चे गायब थे। जब बाल संरक्षण इकाई और स्थानीय पुलिस के अधिकारियों ने सुधार गृह का निरीक्षण किया तो वहां ताला लगा हुआ था। कुछ दिनों पहले हुए निरीक्षण में ये महिलाएं और बच्चे वहीं मौजूद थे, लेकिन अचानक उनके गायब होने ने अधिकारियों को चौंका दिया। काफी तलाश के बाद भी उनका कोई सुराग नहीं मिला।
महिला थाने में दर्ज हुई एफआईआर
बाल संरक्षण इकाई के तत्कालीन सहायक निदेशक दिवेश शर्मा ने इस गंभीर मामले में महिला थाने में एफआईआर दर्ज कराई। एफआईआर में सेवा संकल्प एवं विकास समिति के अधिकारियों को आरोपी बनाया गया। पुलिस की जांच में मुख्य आरोपी के रूप में ब्रजेश ठाकुर और शाइस्ता परवीन समेत चार लोगों की संलिप्तता पाई गई। बाद में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की और कोर्ट में ट्रायल शुरू हुआ। इस दौरान कुछ अन्य आरोपियों की मृत्यु हो गई, लेकिन ब्रजेश ठाकुर और शाइस्ता परवीन के खिलाफ ट्रायल जारी रहा।
अब इस मामले में 17 अक्तूबर को कोर्ट में फिर से सुनवाई होगी। इस दिन शाइस्ता परवीन उर्फ मधु के खिलाफ भी ट्रायल के तहत सुनवाई होगी। कोर्ट में फैसले को लेकर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।

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