Bihar News : Chhath Puja Festival 2024 Nahay-khay Worship Of Lord Sun Chhath Puja Starts On Tuesday – Amar Ujala Hindi News Live

रतोइया घाट पर तैयारियां युद्धस्तर पर जारी।
– फोटो : अमर उजाला डिजिटल
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आस्था का महापर्व ‘छठ पूजा’ नहाय-खाय मंगलवार से शुरू होगा, जो अगले चार दिनों तक चलेगा। हिंदू धर्म में किसी भी पर्व की शुरुआत स्नान के साथ ही होती है और इस दिन व्रती महिलाओं ने स्नान और पूजन-अर्चना के बाद कद्दू व चावल के बने प्रसाद को ग्रहण करते हैं। बुधवार को लोहंडा-खरना और गुरूवार को अस्तालचलगामी सूर्य भगवान को अर्घ्य और शुक्रवार को सूर्योदय अर्घ्य के साथ समापन होगा। जिसमें जिले के अलावे ग्रामीण क्षेत्रों के नदियों में हज़ारों की संख्या में व्रती अर्घ्य देंगे। सूर्योपासना का यह पर्व कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष के चतुर्थी से सप्तमी तिथि तक मनाया जाता है। सूर्य षष्ठी व्रत होने के कारण इसे ‘छठ’ कहा जाता है। सुख-समृद्धि और मनोवांछित फल देने वाले इस पर्व को पुरुष और महिला समान रूप से मनाते हैं, परंतु आम तौर पर व्रत करने वालों में महिलाओं की संख्या अधिक होती है। छठ पर्व में गीतों का खास महत्व होता है। छठ पर्व के दौरान घरों से लेकर घाटों तक कर्णप्रिय छठ गीत गूंजते रहते हैं। व्रतियां जब जलाशयों की ओर जाती हैं, तब भी वे छठ महिमा की गीत गाती हैं।
चार दिनों का होता है छठ पर्व
छठ पर्व का प्रारंभ कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से प्रारंभ होता है तथा सप्तमी तिथि को इस पर्व का समापन होता है। पर्व का प्रारंभ ‘नहाय-खाय’ से होता है, इस दिन व्रती स्नान कर अरवा चावल, चना दाल और कद्दू की सब्जी का भोजन करती हैं। इस दिन खाने में सेंधा नमक का प्रयोग किया जाता है। नहाय-खाय के दूसरे दिन यानी कार्तिक शुक्ल पक्ष पंचमी के दिन भर व्रती उपवास कर शाम में स्नान कर विधि-विधान से रोटी और गुड़ से बनी खीर का प्रसाद तैयार कर भगवान भास्कर की आराधना कर प्रसाद ग्रहण करती हैं। जिसे ‘खरना’ कहा जाता है। इसके अगले दिन कार्तिक शुक्ल पक्ष षष्ठी तिथि को उपवास रखकर शाम को व्रतियां टोकरी (बांस से बना दउरा) में ठेकुआ, फल, ईख समेत अन्य प्रसाद लेकर नदी, तालाब, या अन्य जलाशयों में जाकर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित करती हैं और इसके अगले दिन यानी सप्तमी तिथि को सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर घर वापस लौटकर अन्न-जल ग्रहण कर ‘पारण’ करती हैं यानी व्रत तोड़ती हैं।

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