Bihar News: Fear Like The Year 2016 Is Haunting The People Living In Kosi Embankment Of Saharsa – Amar Ujala Hindi News Live

दूसरे स्थानों पर पलायन कर रहे लोग।
– फोटो : अमर उजाला
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सहरसा जिले के नवहट्टा अंचल क्षेत्र में कोसी तटबंध के भीतर रहने वाले लोगों को वर्ष 2016 की भयावह यादें फिर से सताने लगी हैं। घटते-बढ़ते जलस्तर के बीच कोसी के पूर्वी और पश्चिमी तटबंध के भीतर कटाव ने उग्र रूप धारण कर लिया है। तटबंध के भीतर बसी तीन पंचायतों हाटी, कैदली और नौला के लोग कोसी नदी के कटाव से त्रस्त हैं और मजबूरन अपने घर-द्वार तोड़कर दूसरी जगह पलायन कर रहे हैं।
कैदली पंचायत में कटाव के चलते चार दर्जन से अधिक परिवारों के घर कोसी नदी में समा गए हैं। सैंकड़ों लोग अपने घरों के कट जाने के डर से सहमे हुए हैं और अपने भविष्य की चिंता में ऊंचे स्थानों पर पलायन कर रहे हैं। पिछले एक सप्ताह में कैदली पंचायत के वार्ड नं 7 के दो दर्जन से अधिक परिवारों का आशियाना नदी में विलीन हो चुका है। कटाव से प्रभावित लोगों ने बताया कि पूरी रात उन्हें अपने बच्चों के साथ जागते रहना पड़ता है। रात में जब नदी में लहरें उठती हैं, तो कटाव तेज हो जाता है और उनकी सांसें अटक जाती हैं।
नवहट्टा के लोग अभी भी आठ साल पहले की भयानक स्थिति को याद करके सिहर उठते हैं। वर्ष 2016 के भीषण कटाव में कैदली पंचायत के छतवन गांव के सैकड़ों परिवारों का आशियाना कटकर नदी में समा गया था। उन लोगों को यह त्रासदी झेले हुए लगभग 8 वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन वे आज भी कोसी के पूर्वी तटबंध के किनारे झुग्गी-झोपड़ी बनाकर जीवन यापन करने को मजबूर हैं।
कैदली पंचायत के वार्ड नंबर 7 के कटाव पीड़ित लोगों ने बताया कि पिछले कई दिनों से उनके घरों में चूल्हा नहीं जला है। पूरा परिवार सामान समेटकर एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में परेशान है। बच्चों को पाउडर के दूध से गुजारा करना पड़ रहा है। प्रशासन की ओर से खाने-पीने और राहत सामग्री के नाम पर कोई भी व्यवस्था नहीं की गई है। सामान ढोने के लिए सरकारी नाव भी उपलब्ध नहीं हो पा रही है, इसलिए उन्हें निजी स्तर पर नाव की व्यवस्था कर ऊंचे स्थानों पर सामान पहुंचाना पड़ रहा है।

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