Bihar News: Folk Singer Sharda Sinha Is Undergoing Treatment In Delhi Aiims, Icu; Multiple Myeloma, Anshuman – Amar Ujala Hindi News Live

पद्म श्री शारदा सिन्हा का मनोबल अपने पति के निधन के बाद टूट गया।
– फोटो : सोशल मीडिया
विस्तार
देश की मशहूर लोकगायिका शारदा सिन्हा की तबीयत में सुधार हो रहा है। फिलहाल वह दिल्ली एम्स के आईसीयू में भर्ती हैं। उनके वेटिंलेटर पर होने की खबर गलत है। इस बात की पुष्टि उनके बेटे अंशुमान सिन्हा ने की। लोकगायिका किस गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं? इसका भी खुलासा उन्होंने किया। साथ ही लोगों से उनके स्वास्थ्य के लिए दुआ करने की अपील की। शारदा सिन्हा के बेटे अंशुमान सिन्हा ने कहा कि कुछ जगहों से मेरी मां को लेकर गलत खबर सामने आ रही है। मैं उसका खंडन करने के लिए सामने आया हूं। मेरी मां इस वक्त आईसीयू में हैं। कुछ जगहों से खबर आ रही है कि उन्हें वेटिंलेटर पर शिफ्ट कर दिया है। यह बात गलत है। उनकी स्थिति गंभीर जरूर है। पर वह वेंटिलेटर पर नहीं है।
अंशुमान सिन्हा ने कहा कि डॉक्टरों ने कहा है कि कल से उनके स्वास्थ्य में सुधार हुआ है। उम्मीद है कि जल्द ही उनकी हालत नियंत्रित हो जाएगी। आप सभी लोगों से अपील है कि ऐसे समय में जरा भी निगेटिव खबर नहीं प्रसारित करें। यह समय शारदा जी है। हर जगह से उनकी आवाज की गूंज आ रही है। हम सभी उनके फैंस उनके स्वास्थ्य की दुआ कर रहे हैं। वेटिंलेंटर में शिफ्ट होना, एम्स के डायरेक्टर ने यह कहा वह कहा, इन सब बातों का गलत प्रचार नहीं किया जाए।
आंतरिक लड़ाई लड़ने में कमजोर हो गईं
2017 से शारदा सिन्हा मल्टीपल मायलोमा से लड़ रही हैं। हम परिवार के लोग इस बात को जानते हैं। उनकी इच्छा थी कि मेरी व्यक्तिगत पीड़ा को सार्वजनिक नहीं की जाए। उन्हें क्या तकलीफ है, इस बात की व्याख्या करके काम करना, उन्हें पसंद नहीं है। पिता जी के देहांत के बाद उनका मनोबल टूट गया। उन्हें बड़ा झटका लगा। वह पूरी तरह से टूट गई। इस कारण वह आंतरिक लड़ाई लड़ने में कमजोर हो गईं। स्थिति ऐसी हुई आज वह अस्पताल में जंग लड़ रही हैं। पिताजी के श्राद्ध खत्म होने के ठीक बाद हमलोग उनके स्वास्थ्य की रूटीन जांच के लिए दिल्ली आए। इसी दौरान उनके रोग में तेजी से बढ़ोतरी होने लगी। इसलिए डॉक्टर की सलाह पर उन्हें एम्स में भर्ती करवाया गया। अंशुमान सिन्हा ने कहा कि मां के लिए कई राजनीतिक हस्तियों ने मदद की। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने खुद व रीय डॉक्टर से बातचीत की। मैं उन्हें धन्यवाद करता हूं।
जानिए, क्या होता है कि मल्टीपल मायलोमा
टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल, मुंबई में काम कर चुके बिहार के प्रसिद्ध कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉक्टर बीपी सिंह के अनुसार, मल्टीपल मायलोमा कैंसर का एक प्रकार है। मरीज के हड्डियों, गुर्दे और शरीर की स्वस्थ लाल और सफेद रक्त कोशिकाओं और प्लेटलेट्स बनाने की क्षमता को प्रभावित कर देता है। इसका पूरी तरह से इलाज नहीं हो सकता है। लेकिन, इसकी स्थितियों और लक्षणों का इलाज कर सकते हैं और इसकी प्रगति को धीमा कर सकते हैं। मल्टपल मायलोमा यह सफेद रक्त कोशिका में बनता है। दरअसल, स्वस्थ कोशिकाएं एंटीबॉडी प्रोटीन बनाकर संक्रमण से लड़ने में मदद करती है। एंटीबॉडी रोगाणुओं को खोजती है और उन पर हमला करती हैं। मल्टीपल मायलोमा में, कैंसरयुक्त प्लाज्मा कोशिकाएं अस्थि मज्जा में बनती हैं। कैंसर कोशिकाएं स्वस्थ रक्त कोशिकाओं को अस्थि मज्जा से बाहर निकाल देती हैं। इस कारण कैंसर कोशिकाएं ऐसे प्रोटीन बनाती हैं जो ठीक से काम नहीं करते। धीरे-धीरे यह शरीर को कमजोर कर देता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी आने लगी है। मरीज की तबीयत बिगड़ने लगती है।

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