Bihar News: Jai Jha Of Saharsa Joined Team Of Musicians Sachin-jigar On Stage Of Sa Re Ga Ma Pa – Amar Ujala Hindi News Live

गायक जय झा
– फोटो : अमर उजाला
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सहरसा जिले के सौर बाजार प्रखंड क्षेत्र के रहुआ गांव निवासी जय झा ने अपनी अद्भुत गायकी से जी टीवी के मशहूर म्यूजिक रियलिटी शो Sa Re Ga Ma Pa के मंच पर अपनी पहचान बनाई है। रविवार रात को प्रसारित शो में जय ने अपने सुरों से न केवल जजों का दिल जीता, बल्कि उन्हें मशहूर संगीतकार जोड़ी सचिन-जिगर की टीम में शामिल कर लिया गया। जय की प्रस्तुति को देखकर उनके गांव और पूरे मिथिला क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गई।
जय की प्रस्तुति पर जज हुए भावुक
जय ने ‘तड़प-तड़प के इस दिल से’ गाने को अपनी सुरीली आवाज में गाकर मंच पर धमाल मचा दिया। उनकी आवाज और प्रदर्शन से प्रभावित होकर जज सचिन-जिगर ने उन्हें अपनी टीम में शामिल कर लिया। सचिन-जिगर के साथ-साथ जज सचित्रा परंपरा भी जय की प्रस्तुति से भावुक हो गईं और उन्होंने कहा कि आज आपको ब्रह्मांड का आशीर्वाद मिल रहा होगा। जय के इस शानदार प्रदर्शन से उनके गांव में लोग खुशी से झूम उठे।
गांव में मनी खुशियां, लोगों ने जताई गर्व की भावना
जय के चयन की खबर फैलते ही उनके गांव में जश्न का माहौल बन गया। लोग टीवी स्क्रीन पर जय की प्रस्तुति देखने के लिए अपने सभी काम छोड़ कर जुट गए थे। जय की इस उपलब्धि पर लोगों ने उसे संपूर्ण मिथिला क्षेत्र और बिहार के लिए गौरव बताया। रहुआ गांव के लोगों ने जय की सफलता को गांव का सपना साकार होने जैसा बताया। जय की मेहनत और लगन को सभी ने सराहा और उसकी इस सफलता के लिए ऊपर वाले का धन्यवाद किया।
संघर्षपूर्ण जीवन और संगीत के प्रति जुनून
जय झा का जन्म सहरसा जिला के सोनवर्षा कचहरी के पास स्थित एक छोटे से गांव रहुआ में 15 जनवरी 2005 को हुआ। बचपन से ही उन्हें संगीत में गहरी रुचि थी। जय ने गांव के ही मध्य विद्यालय से आठवीं तक की पढ़ाई की। फिर सिमरी बख्तियारपुर के प्लस टू स्कूल से 12वीं तक शिक्षा ग्रहण की। इसके बाद जय ने सर्वनारायण सिंह रामकुमार सिंह महाविद्यालय से संगीत में स्नातक की डिग्री हासिल की।
संगीत की पढ़ाई के दौरान जय ने प्रयाग संगीत समिति इलाहाबाद से संगीत में प्रथम वर्ष से लेकर षष्ठम वर्ष (प्रभाकर) तक की शिक्षा ली। उनके संगीत के प्रति जुनून और समर्पण ने उन्हें कई संगीत गुरुओं का प्रिय शिष्य बना दिया। जय ने पंचगछिया के सोहन झा, रामपुर के रजनीकांत झा और बनारस के प्रसिद्ध आदित्य विजय भंडारी से संगीत की शिक्षा प्राप्त की।
संघर्षों से भरी रही है जय की यात्रा
जय का परिवार शुरू से ही आर्थिक तंगी का सामना कर रहा था। उनके दादा एक शिक्षक थे, जिन्होंने अपनी कमाई से गांव में चार कमरों का एक छोटा सा घर बनाया था। जय के पिता जटेश झा पहले प्राइवेट ट्यूटर के रूप में काम करते थे, लेकिन अब वे बीपीएससी परीक्षा पास कर मधेपुरा जिले के चौसा स्थित जनता उच्च विद्यालय में संगीत के शिक्षक बन गए हैं। जय की मां देवता देवी कुशल गृहिणी हैं, जबकि उनके बड़े भाई ओम कुमार नीट परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं।
जय ने बताया कि उनके पिता ने उनके संगीत के प्रति रुझान को समझा और उन्हें सही दिशा में आगे बढ़ने का मौका दिया। वे जय को पंचगछिया, रामपुर और बनारस तक साइकिल से 40 किलोमीटर दूर संगीत सीखने के लिए लेकर जाते थे।
पहला स्टेज शो और भविष्य की योजना
जय ने महज 10 साल की उम्र में बड़गांव में अपना पहला स्टेज शो किया था। इसके बाद उन्हें सहरसा में होने वाले राजकीय महोत्सव में प्रदर्शन करने का मौका मिला। जय की ख्वाहिश है कि वे संगीत की दुनिया में शिखर तक पहुंचें और इसके लिए वे निरंतर प्रयासरत हैं।

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