Bihar News: Saran’s Son Deepak Kumar Martyred In Anantnag, Jammu And Kashmir – Amar Ujala Hindi News Live

शहीद दीपक कुमार यादव (फाइल फोटो)
– फोटो : अमर उजाला
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जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में शनिवार को आतंकवादियों से लड़ते हुए दो जवान शहीद हो गए थे। उनमें से एक सारण जिले के बनियापुर थाना क्षेत्र के लौवां कला निवासी दीपक कुमार (32) थे। शहीद दीपक कुमार यादव सुरेश राय के बेटे पुत्र थे, जो जम्मू-कश्मीर के अंनतनाग में थल सेना में हवलदार के पद पर तैनात थे। जवान की मौत की सूचना मिलते ही पूरे गांव में मातम छा गया है। जवान के बुजुर्ग माता-पिता का रो-रो कर बुरा हाल हो गया है।
जानकारी के मुताबिक, शनिवार को अनंतनाग के कोकरनाग के जंगलों में आतंकवादियों के घुसने की सूचना मिली थी। सूचना के बाद सेना के जवान और आरपीएफ के जवानों ने संयुक्त रूप से आतंकवादियों को पकड़ने के लिए ऑपरेशन चलाया था। इनमें बनियापुर का दीपक नामक जवान भी शामिल था। अंधेरे जंगल और पहाड़ियों में आतंकवादी छिप गए थे। इसी दौरान अंधेरे का फायदा उठा कर आतंकवादियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। इस हमले में जवान को सीने में गोली लगी थी। जख्मी होने के बाद भी जवान देर रात तक आतंकवादियों से लड़ता रहा। अंततः घटनास्थल पर ही जवान ने दम तोड़ दिया। उसके बाद ऑपरेशन में शामिल अन्य साथियों को जवान के शहीद होने की जानकारी मिली।
शहीद दीपक का पार्थिव शरीर दोपहर में पटना एयरपोर्ट पर आने के बाद पटना रेंज की आईजी गरिमा मल्लिम, जिलाधिकारी चंद्र शेखर, एसएसपी राजीव मिश्रा और आर्मी के कई वरीय अधिकारियों की मौजूदगी में शहीद को सलामी दी जाएगी। उसके बाद जवान के पार्थिव शरीर को सारण जिले के बनियापुर थानाक्षेत्र के लौवां कला गांव स्थित पैतृक निवास स्थान ले जाया जाएगा। जहां राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।
देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले सारण जिले के लौंवा कला गांव की मिट्टी के लाल दीपक के शहीद होने की खबर सुन ग्रामीणों का हृदय स्तब्ध है। शहीद दीपक जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आर्मी के पैरा स्पेशल फोर्स में हवलदार के पद पर कार्यरत थे। उन्हें देश सेवा के लिए बलिदान जिलेवासियों के लिए सदैव एक गौरवशाली क्षण के रूप में याद किया जाएगा, क्योंकि यह त्याग देश के गौरवशाली इतिहास के स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा।
परिजनों ने बताया कि जवान अपनी पत्नी अनिता देवी और आठ साल के बेटे अमित को अपने साथ ही रखता था। शहीद जवान का शव अभी तक घर नहीं पहुंचा है। लेकिन गांव में स्थानीय ग्रामीणों सहित प्रशासन के लोग पहुंचे हुए हैं। शव आने के बाद शहीद को गॉड ऑफ ऑनर देकर अंतिम विदाई दी जाएगी। शहीद दीपक के बड़े भाई बिजेंद्र यादव भी थल सेना में कार्यरत हैं। जांबाज जवान के शहीद होने की सूचना पर आसपास के कई लोग उनके पैतृक घर पहुंच बुजुर्ग माता-पिता को सांत्वना देने में जुटे हुए हैं।

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