Budget 2024 Mp Neeraj Dangi Criticizes Budget As Pack Of Lies Targets Pm Modi News In Hindi – Amar Ujala Hindi News Live

बजट 2024
– फोटो : अमर उजाला
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राज्यसभा सांसद नीरज डांगी ने कहा कि भाजपा के पिछले कार्यकाल के दौरान की गई नौकरियों की घोषणा अनुसार इस बार भी आगामी पांच साल में 20 लाख नौकरियां देने की थौथी घोषणा की गई है। जबकि 30 लाख पद केन्द्र सरकार के संस्थानों में पिछले दो वर्षों से रिक्त पड़े हैं, उन पर नियुक्तियों की कोई योजना नहीं है।
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इस बजट में आंध्र प्रदेश व बिहार को बड़ी सौगात दी गई है। आंध्र प्रदेश को 15 हजार करोड़ की वित्तीय मदद दी गई है। इसी प्रकार बिहार में विकास की गंगा बहाते हुए वहां पर 11 हजार 500 करोड़ की वित्तीय सहायता और 26 हजार करोड़ हाइवे के लिये, बोध गया एक्सप्रेस-वे, जैन मंदिरों को काशी की तर्ज पर विकसित किए जाने सहित बिहार में बाढ़ से बचाव के लिये भी वित्तीय प्रावधान, 21 हजार 400 करोड़ के 2400 मेगावाट का नया बिजली संयंत्र लगाये जायेंगे। उन्होंने कहा कि बिहार व आंध्र प्रदेश की तरह राजस्थान को भी वित्तीय सहायता दिये जाने की आवश्यकता थी परन्तु राजस्थान में भाजपा की सरकार होते हुए भी कोई वित्तीय सहायता या मदद नहीं दी गई है। राजस्थान में औद्योगिक विकास एवं रोजगार के अवसर बढ़ाये जाने थे, परन्तु केन्द्रीय बजट में इस तरह के कोई प्रावधान नहीं किये गये हैं जो अत्यन्त खेदजनक है।
आमजन को इस बजट में राजस्थान में आद्यौगिक विकास, रोजगारोन्मुखी योजनाओं, किसान प्रोत्साहन योजनाएं, शैक्षणिक योजनाओं जैसी लाभकारी योजनाओं की घोषणा की उम्मीद थी। नीरज डांगी ने कहा कि आयकर दाताओं को नये रिजीम में छोटा-सा बदलाव किया गया है, परन्तु पुराने रिजीम के तहत कर्मचारियों द्वारा जो बचत की जाती थी, उस पर कोई बदलाव नहीं किया गया है, जिससे वेतनभोगियों को भविष्य को सुरक्षित करने के लिये बचत की आदत को समाप्त कर दिया है। इससे वेतनभोगियों को अपनी भविष्य की योजनाओं को पूरा करने हेतु ऋण पर ही निर्भर रहना होगा बचत पर नहीं। डांगी ने कहा कि इस बजट में महिलाओं, गरीब एवं मध्यम वर्ग की शिक्षा एवं रोजगार के लिये विशेष व्यवस्था किए जाने की आवश्यकता थी, परन्तु ऐसा नहीं किया गया है। जबकि शिक्षा में विद्यार्थियों की फीस कम किया जाना एवं ठेकेदारी प्रथा (संविदा) को समाप्त किया जाकर सरकारी, सरकारी उपक्रमों व गैर सरकारी संस्थानों के माध्यम से रोजगार के अवसर बढाये जाने की व्यवस्था किया जाना आवश्यक था, इसके सकारात्मक प्रभाव से देश की अर्थव्यवस्था (जीडीपी) में सुधार हो सकता था।
ये विकसित भारत का बजट होगा, भाजपा सांसद
वहीं दूसरी ओर, मोदी सरकार के 3.0 के बजट पर जालौर-सिरोही सांचौर सांसद लुंबाराम चौधरी ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि ये विकसित भारत का बजट होगा। यह बजट देश को आगे ले जाएगा। चौधरी ने कहा कि केन्द्र मे मोदी सरकार का शानदार बजट विकसित भारत के सपनों को साकार करने वाला, कृषि में उत्पादन बढ़ाने पर जोर, फसलों की नयी किस्म बढ़ाने पर जोर, महिलाओं के लिए विशेष कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम, 2 करोड़ युवाओं को डीबीटी से फायदा होगा। 20 लाख युवाओं को प्रशिक्षण दिया जायेगा। महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 3 करोड़ नये आवास बनेगे। M.S.M .E के तहत नये उद्योग को बढ़ावा देना व आर्थिक मदद व विश्वकर्मा योजनाओं में आमजन को लाभान्वित करना, मुद्रा योजना की सीमा बढ़ाकर 20 लाख, पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना सहित देश के विकास का महत्वपूर्ण बजट किसानों, युवाओं, महिलाओं व गरीबों के कल्याण का बजट है।
सांसद लुंबाराम चौधरी ने बताया कि 100 बड़े शहरों के लिए जलापूर्त, सीवेज ट्रीटमेंट के लिए परियोजनाएं, 30 लाख से अधिक आबादी वाले 14 बड़े शहरों में आवागमन के लिए विकास योजनाएं, पीएम आवास योजना शहरी 2.0 के तहत 1 करोड़ शहरी और मध्य वर्गीय परिवारों को लाभ मिलेगा। चयनित शहरों में 100 साप्ताहिक हाट और स्ट्रीट फूड हब बनेंगे।
वित्तीय बजट 2024 पर सीए त्रिलोक शर्मा की टिप्पणी
वित्तीय बजट 2024 भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत इस बजट में पूंजीगत लाभ करों में सुधार, मानक कटौती में वृद्धि और पारिवारिक पेंशन में राहत जैसे कदम मध्यम वर्ग के लिए विशेष रूप से लाभकारी साबित होंगे। निवेशकों के लिए एंजल टैक्स का समाप्त होना और एफएंडओ पर एसटीटी में वृद्धि एक संतुलित दृष्टिकोण है जो वित्तीय बाजारों को स्थिरता प्रदान करेगा। पूंजीगत व्यय को 11.11 लाख करोड़ रुपये या जीडीपी के 3.4% पर रखने का प्रस्ताव दीर्घकालिक आर्थिक विकास को गति देगा। महिलाओं और लड़कियों के लिए 3 लाख करोड़ रुपये का आवंटन और एमएसएमई के लिए मुद्रा ऋण सीमा में वृद्धि से सामाजिक और आर्थिक समावेश को बढ़ावा मिलेगा। कृषि, शहरी विकास, और बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए विशेष योजनाएँ और आवंटन बजट को संतुलित और समग्र बनाते हैं।

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