Chamba News:जीआई टैग से देश-दुनिया में महकेगी चंबा के लाल चावल की खुशबू – Himachal News: Gi Tag To Chamba Rice Proposal Sent To Chennai

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– फोटो : अमर उजाला
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लाल चावल करड़ को देश-विदेश में पहचान दिलवाने की तैयारी हो रही हैं। सेवानिवृत वैज्ञानिक डॉ. श्रीवास्तावा ने इसे जीआई (जियोग्राफिक्ल इंडिकेशन) टैग दिलाने का प्रयास किया है। जिसके लिए बाकायदा केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पेटेंट, डिजाइन एवं ट्रेडमार्क महानियंत्रक कार्यालय चेन्नई में आवेदन किया है। इस पर कोई भी आपत्ति नहीं लगाई गई है।
इससे लाल चावल को जीआई टैग मिलने की उम्मीद जगी हैं। भटियात विधानसभा क्षेत्र के काहरी और जंदरोग, कामला में लाल चावल और कस्तूरी बासमती की किसान खेती करते हैं। अगर क्षेत्र के लाल चावल को जीआई टैग मिल जाता है तो यह उत्पाद ब्रांड बन जाएगा। इससे इसके मूल्य और उत्पादन में बढ़ोतरी करने के लिए कई तरह के कार्य हो पाएंगे। किसानों को भी इससे फायदा होगा।
कृषि उपनिदेशक कुलदीप धीमान ने बताया कि लाल चावल और कस्तूरी बासमती की खेती को बढ़ावा देने के लिए विभाग के साथ-साथ किसानों को आगे आना चाहिए। विभाग किसानों की हर क्षेत्र में मदद के लिए अग्रिम पंक्ति में मिलेगा। जिसके लिए कृषि मंत्री भी निर्देश जारी कर चुके हैं। संवाद
क्या है जीआई टैग
किसी भी क्षेत्र का जो क्षेत्रीय उत्पाद होता है, उससे उस क्षेत्र की पहचान होती है। उस उत्पाद की ख्याति जब देश-दुनिया में फैलती है तो उसे प्रमाणित करने के लिए एक प्रक्रिया होती है। जिसे जीआई टैग यानी जीओ ग्राफिकल इंडीकेशन कहते हैं। जिसे हिंदी में भौगोलिक संकेतक नाम से जाना जाता है।
लाल चावल की विशेषता
जैविक तरीके से उगाए जाने वाले लाल चावल में आयरन, प्रोटीन, पोटैशियम, फाइबर और एंटी ऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होता है। यह दिल, हड्डी, मोटापे और अस्थमा जैसी बीमारियों से बचाता है।

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