Charak Hospital Runs Stock Of Rabies Injections, Patients Hospital Treatment Have To Buy The Injections – Madhya Pradesh News
शासन द्वारा प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में रैबीज के इंजेक्शन सहित अन्य दवाओं की मांग के अनुसार आपूर्ति की जाती है। इन्हें सीएमएचओ स्टोर और सिविल सर्जन (सीएस) स्टोर में रखा जाता है। सीएमएचओ कार्यालय से दवाओं का वितरण जिला स्तर पर होता है, जबकि सीएस स्टोर से जिला अस्पताल में आपूर्ति की जाती है। वर्तमान में सीएस स्टोर में रैबीज इंजेक्शन का स्टॉक खत्म हो चुका है। सीएस स्टोर प्रभारी योगेश राय प्रजापति ने बताया कि जिला चिकित्सालय में रैबीज इंजेक्शन खत्म होने के बाद अब तक चार बार पत्र लिख चुके हैं। दो दिन पहले भी डिमांड का पत्र भेजा गया था। लेकिन, अब तक इंजेक्शन नहीं आए हैं।
ये भी पढ़ें: शिवराज सिंह ने की विजयासन मां की पूजा, बेटों-बहुओं और पत्नी के साथ पहुंचे मंदिर, देखें तस्वीरें
अस्पताल में इंजेक्शन लगवाने पहुंचे रोहित जसोदिया निवासी पीपलीनाका ने बताया कि उन्हें पांच दिन पहले स्ट्रीट डॉग ने काटा था। पहला डोज मेडिकल से इंजेक्शन खरीदकर लगवाया। दूसरे डोज के लिए आए तो फिर से इंजेक्शन खरीदकर लाने के लिए कहा गया है। वहीं, महेश बाथम ने बताया कि रात में घर लौटते समय स्ट्रीट डॉग ने काट लिया था। सुबह चरक अस्पताल में रैबीज इंजेक्शन लगवाने आए तो मेडम ने कहा कि इंजेक्शन उपलब्ध नहीं हैं, बाजार से खरीदकर लाओ। इसके बाद उसने 400 रुपए देकर मेडिकल स्टोर से इंजेक्शन खरीदा और फिर लगवाया।
ये भी पढ़ें: फोन पर लाइव जाकर पिता से मांगी माफी, फिर लगा लिया फंदा, पत्नी को ठहराया मौत का जिम्मेदार
शुरुआती दौर में तीन बार लगवाने पड़ते हैं रैबीज के इंजेक्शन
कुत्ते के काटने पर घायल को पहले डोज के बाद सात दिन के अंतराल में कम से कम तीन बार रैबीज के इंजेक्शन लगवाना अनिवार्य होता है। चरक अस्पताल में प्रतिदिन औसतन 20-25 मरीज पहला डोज लगवाने आते हैं। इनके अलावा दूसरा और तीसरा डोज लगवाने वालों की संख्या भी लगभग इतनी ही होती है। ऐसे में अस्पताल में इंजेक्शन नहीं होने के कारण घायलों को परेशानी हो रही है।

Comments are closed.