Chirag Paswan :मंत्रीपद पर अपनी खुशी छिपाते हुए चिराग ने बैठक को लेकर कही यह बात, नीतीश पर फिर हमलावर रहे – Bihar News: Ljp Chief Chirag Paswan Targets Cm Nitish Kumar, Union Minister, Bjp, Narendra Modi, Amit Shah

चिराग पासवान
– फोटो : अमर उजाला
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लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के सर्वे सर्वा और जमुई के सांसद चिराग पासवान को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री पद मिलना पक्का है। इसी महीने संभावित मंत्रिमंडल विस्तार में उन्हें राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार का पद मिलेगा, यह भी पक्का बताया जा रहा है। इसके बावजूद चिराग पासवान 8 जुलाई को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की ओर से मिली चिट्ठी को लेकर साफ-साफ कहने से बच रहे हैं। नड्डा ने 18 जुलाई को दिल्ली में एनडीए की बैठक में शामिल होने के लिए चिराग को अलग से चिट्ठी लिखी थी। चिराग पहले से एनडीए में हैं, लेकिन जनता दल यूनाइटेड से उनके गतिरोध के कारण बिहार में एनडीए की सरकार के समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ध्यान में रखते हुए भाजपा ने उनसे दूरी बना रखी थी। जदयू-भाजपा को अलग हुए काफी समय बीत चुका है और अब भाजपा किसी भी सूरत में नीतीश कुमार के साथ नहीं जाने का प्रण दुहरा रही है, इसलिए अब चिराग पासवान की केंद्रीय मंत्रिमंडल में एंट्री का रास्ता साफ हो गया है।
चिराग बोले- सीएम नीतीश कुमार जनता ने रिजेक्ट कर दिया
पटना एयरपोर्ट पर चिराग पासवान ने सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि आप लोकतंत्र की आवास, छात्रों की आवाज को दबाने का काम कर रहे हैं। भाजपा के कार्यकर्ता शांतिपूर्ण तरीके से जनता की आवाज उठाने गए थे, उनपर बर्बर तरीके से लाठियां बरसाई गई। इसमें एक नेता की मौत हो गई। एक परिवार का मुखिया छिन गया। उस परिवार पर क्या बीत रहा होगा, इस बात को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कभी समझ नहीं आएगी। थोड़ी सी संवेदना तो होनी ही चाहिए। चिराग ने कहा कि नीतीश कुमार को जनता ने रिजेक्ट कर दिया। किसी तरह से जोड़-तोड़कर वह मुख्यमंत्री बने हुए हैं। 2024 और 2025 के चुनाव में जनता उन्हें जवाब देगी।
चाचा पारस को लेकर ही अब संशय
चिराग पासवान जिस तरह से बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ प्रमुखता से सामने आ रहे हैं और दिवंगत रामविलास पासवान को लेकर भाजपा के पास जैसा फीडबैक है, उसके कारण राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन एनडीए में चिराग की जरूरत शिद्दत से महसूस की जा रही है। ऐसे में इस बात की जानकारी भी सामने आ रही है कि दिवंगत रामविलास पासवान के बाद उनके भाई पशुपति कुमार पारस को जो मंत्री पद दिया गया था, उस पर भी एनडीए पुनर्विचार कर रहा है। किसी स्तर से इस बात की अभी पुष्टि नहीं हो पा रही है, लेकिन संभव है कि भाजपा आने वाले समय में लोजपा के दोनों धरों को एक साथ आने के लिए मजबूर कर दे।
लोजपा के सभी छह प्रत्याशी जीतने में कामयाब रहे थे
भाजपा लोजपा को बिहार की 40 में से 6 सीटें देना चाह रही है। दोनों धरों को अलग-अलग बांटकर सीट देने से भाजपा के हिचक ने की वजह यह भी है कि दिवंगत रामविलास पासवान के नाम पर मिलने वाले वोटों का किसी संशय के कारण बंटवारा ना हो। 2019 के लोकसभा चुनाव में बिहार की 40 में से 6 सीटें दिवंगत रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी को दी गई थी। उस समय भाजपा और जदयू ने 17 -17 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे। जदयू के 16 प्रत्याशी जीते थे जबकि भाजपा के सभी 17 और लोजपा के सभी छह प्रत्याशी जीतने में कामयाब रहे थे।

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