Chota Moosewala reached Golden Temple for the first time with his mother Charan Kaur and father Balkaur Singh
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पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला का छोटा भाई आज मां चरण कौर और पिता बलकौर सिंह के साथ पहली बार गोल्डन टेंपल में पहुंचा। यहां उन्होंने बच्चे समेत माथा टेका। परिवार ने कहा कि गुरुओं का आशीर्वाद दिलाने और परिवार की सुख-शांति के लिए ही छोटे सिद्धू को गोल्डन टेंपल लाए हैं। परिवार ने सामान्य तीर्थयात्रियों की तरह स्वर्ण मंदिर में मत्था टेका, लेकिन सुरक्षा कारणों से उन्हें घेर लिया गया।
बलकौर सिंह ने कहा कि वह अपने परिवार के साथ गुरु घर में अरदास करने आए हैं कि उनके बड़े बेटे सिद्धू मूसेवाला को न्याय मिले। जीवन की शुरुआत गुरु के घर से होती है, इसलिए उन्होंने सोचा कि वह गुरु घर जाकर उनका आशीर्वाद लेना चाहिए। गुरु महाराज ने सिद्धू मूसेवाला को एक बार फिर जिंदा किया है।
पारिवारिक स्थिति की वजह से नहीं लड़ा चुनाव
बलकौर सिंह से जब चुनाव नहीं लड़ने का कारण पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पार्टी ने उन पर काफी दबाव डाला था, लेकिन घर का माहौल ऐसा था कि उन्होंने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया। उनके बड़े बेटे सिधू मूसेवाला का म्यूजिक का काम बहुत बिखरा हुआ था, जिसके कारण उन्होंने राजनीति पर ध्यान नहीं दिया। पारिवारिक स्थिति और उनकी अपनी पत्नी की सेहत ठीक नहीं होने के कारण उन्होंने पार्टी को चुनाव लड़ने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि वह पंजाब कांग्रेस प्रमुख राजा वड़िंग और चरणजीत सिंह चन्नी के बहुत करीबी हैं। वह उनके लिए चुनाव प्रचार जरूर करने जरूर जाऊंगा। बलकौर सिंह ने पंजाब के मशहूर शायर, लेखक और गीतकार सुरजीत पातर के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सुरजीत पातर का दुनिया से चले जाना बहुत बड़ी क्षति है, जिसे कभी पूरा नहीं किया जा सकता।
छोटे मूसेवाला के जन्म पर हुआ था विवाद
सिद्धू मूसेवाला की पत्नी चरण कौर ने 17 मार्च को 58 साल की उम्र में बेटे को जन्म दिया था। वह
आईवीएफ से मां बनी थी। ज्यादा उम्र में इस तकनीक से बच्चे को जन्म देने पर वह कानूनी पचड़ों में भी फंस गई थी। केंद्र सरकार तक भी पहुंच गया है। दरअसल के स्वास्थ्य मंत्रालय ने चरण कौर और पंजाब सरकार से आईवीएफ ट्रीटमेंट को लेकर रिपोर्ट मांगी थी। कानून के मुताबिक, किसी महिला के लिए इस तकनीक का इस्तेमाल करने की उम्र सीमा 21-50 साल के बीच है। पंजाब सरकार की तरफ से प्रमुख स्वास्थ्य सचिव अजॉय शर्मा को शो कॉज नोटिस जारी कर पूछा था है कि मामले की छानबीन करने से पहले मुख्यमंत्री या स्वास्थ्य मंत्री के संज्ञान में मामले को क्यों नहीं लाया गया।
मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह ने बच्चे के जन्म के लीगल डाक्यूमेंट पेश करते हुए बताया था कि आईवीएफ ट्रीटमेंट विदेश में हुआ था। भारत में सिर्फ बच्चे का जन्म हुआ है। इसके बाद ये मामला शांत हुआ था।
रिपोर्ट: मोनी देवी

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