बिलासपुर: CGMSC से नहीं हो रही दवाइयों की सप्लाई।छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के सरकारी अस्पतालों में मरीजों के लिए जरूरी दवाइयां उपलब्ध नहीं है। स्थिति यह है कि स्वाइन फ्लू, डायरिया, BP-शुगर और एंटीबायोटिक्स जैसी दवाइयां भी मरीजों को बाहर से खरीदनी पड़ रही हैं। इसकी वजह यह है कि छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन (CGMSC) अस्पतालों में दवाइयों की सप्लाई नहीं कर रहा है। वहीं, जरूरी दवाइयों की लोकल परचेजिंग भी नहीं हो रही है। ने CIMS, जिला अस्पताल के दवाइयों के स्टॉक की जानकारी ली। इस दौरान पता चला कि वहां सर्दी-खांसी, BP- शुगर, एंटीबायोटिक्स और सामान्य बीमारी के इलाज में उपयोगी दवाएं नहीं है। यहां तक ऑपरेशन के दौरान लगने वाली आवश्यक दवाइयां भी उपलब्ध नहीं है। डॉक्टर और अधिकारियों से बात करने पर पता चला कि CGMSC से दवाओं की सप्लाई पिछले कई महीनों से नहीं हो रही है।CIMS के दवा वितरण कक्ष में जुटी मरीज और परिजनों की भीड़।इन दवाइयों की है कमीक्लोरफेनीरामिन (एंटीबायोटिक), डायपाम इंजेक्शन (एनेस्थिसिया), ओफलोक्सिीन (एंटीबायोटिक), क्लोरफेनीरामिन (एंटीबायोटिक), सिप्रोफ्लोक्सीन (एंटीबायोटिक), लीग्नोकेन इंजेक्शन (एनेस्थिसिया), डाइक्लोमाइन इंजेक्शन (पेट दर्द में इस्तेमाल) विटामिन बी-12, (विटामिन के लिए),टेबलेट बिस्कोडायल (मोशन क्लीयर करने), सिट्राजिन (एंटी एलर्जी), सर्जिकल मास्क (संक्रमण से बचाव), ट्राइवेलेंट (स्वाइन फ्लू से बचाव), नेफीडोफिन (शुगर कंट्रोल करने के लिए), ड्रीटावरी (गैस के लिए), कैल्शियम ग्लोनेट इंजेक्शन (आपात स्थिति में उपयोगी)।जिला अस्पताल में भी उपलब्ध नहीं है जरूरी दवाइयां।स्वाइन फ्लू के लिए अलर्ट, पर नहीं है इंजेक्शनप्रदेश भर में स्वाइन फ्लू को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। CIMS और जिला अस्पताल में भी बचाव का दावा किया जा रहा है। लेकिन, जिले में स्वाइन फ्लू से बचाव का इंजेक्शन ही नहीं है। ऐसे ही हैजा, डायरिया जैसे मौसमी बीमारियों का सीजन चल रहा है। बारिश के मौसम में गंदे पानी की वजह से यह बीमारी आम हो गई है। मस्तूरी क्षेत्र में कॉलरा के मरीज भी मिले। बावजूद इसके इन बीमारियों से निपटने के लिए जरूरी दवाइयां उपलब्ध नहीं है।सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का है बूरा हाल।CHC और PSC में बुरा हालसंभाग के बड़े अस्पताल में यह हाल है, तो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की हालत और भी खराब है। वहां, दवाइयां तो दूर मरीजों को देखने के लिए डॉक्टर ही उपलब्ध नहीं रहते। ऐसे में छोटी-मोटी बीमारी में भी मरीजों को मजबूरी में जिला मुख्यालय में जिला अस्पताल और CIMS का चक्कर लगाना पड़ता है।इमरजेंसी में जीवनदीप से खरीदी करने दिए निर्देशCMHO डॉ. अनिल श्रीवास्तव ने कहा कि CIMS, जिला अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में अलग-अलग मद से जरूरी दवाइयों की लोकल खरीदी का प्रावधान है। CIMS में आयुष्मान और जिला अस्पताल के साथ ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में जीवनदीप समिति के फंड से लोकल परचेज किया जा सकता है। इसके लिए उन्हें निर्देश जारी किया जाएगा।CMHO डॉ. अनिल श्रीवास्तव ने CGMSC को पत्र लिखने की बात कही है।CMHO बोले- CGMSC को भी पत्र लिखा जाएगाCMHO डॉ. अनिल श्रीवास्तव ने कहा कि CGMSC को आवश्यक दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए पत्र लिखा जाएगा। राज्य शासन ने जब उन्हें दवाइयां उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी दी है, तो उन्हें इसकी व्यवस्था करनी चाहिए। यह कोशिश की जाएगी कि सरकारी अस्पतालों में सभी तरह की जरूरी दवाइयां उपलब्ध हो।राज्य शासन ने CGMSC को दिया है जिम्माप्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में दवाइयां सप्लाई करने की जिम्मेदारी राज्य शासन ने छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन को दिया है। लेकिन, जिले में पिछले कई महीनों से छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन की ओर से दवाइयों का सप्लाई कम हो रहा है, जिसकी वजह से मरीजों को भटकना पड़ रहा है और उन्हें बाहर से दवाइयां लेनी पड़ रही है।

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