बता दें कि पहले प्रदेश के पांच जिलों को अलर्ट मोड पर रखते हुए तैयारियां की गई थीं, लेकिन अब इसमें 6 जिलों को और शामिल किया गया है, जिसमें खंडवा जिला भी शामिल है। एक ओर जहां खंडवा में थर्मल पावर प्लांट मौजूद हैं, वहीं 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग और एशिया की सबसे बड़ी परियोजना, इंदिरा सागर बांध भी यहीं स्थित है। इन महत्वपूर्ण स्थलों के कारण जिले को सुरक्षा की दृष्टि से संवेदनशील मानते हुए अलर्ट मोड पर रखा गया है।
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खंडवा के पुलिस प्रशिक्षण ग्राउंड पर आयोजित सिविल डिफेंस वॉलिंटियर्स प्रशिक्षण शिविर के दौरान ब्लैकआउट, सायरन और अन्य आपातकालीन स्थितियों को ध्यान में रखते हुए प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान खंडवा जिला चिकित्सालय के डॉक्टर द्वारा यह बताया गया कि किसी बम ब्लास्ट, मिसाइल हमले या केमिकल से जुड़ी आपात स्थिति में मरीज को किस प्रकार सुरक्षित रखते हुए उसकी जान बचाई जा सकती है। इसमें सीपीआर देने की विधि और उससे जुड़ी सावधानियों के बारे में भी जानकारी दी गई।
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फायर अधिकारी कार्तिक जैन ने आग लगने की स्थिति में सुरक्षा के उपायों और आग पर काबू पाने के तरीकों के साथ-साथ आग में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के तरीकों का प्रशिक्षण दिया और उसका डेमो भी प्रस्तुत किया। इसके अलावा होमगार्ड के सूबेदार और एसडीईआरएफ की टीम ने आपदा के समय उपयोग में आने वाले बचाव उपकरणों का प्रदर्शन किया। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि घरेलू उपकरणों की सहायता से किस प्रकार किसी व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है, जैसे- कैसे स्ट्रेचर बनाना या किसी घायल व्यक्ति को सुरक्षित तरीके से उठाना है, इसका भी प्रशिक्षण युवाओं को दिया गया।

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