Cpri: ‘kufri Himalini’ Potato Will Not Spoil For A Long Time, Yield Will Also Double – Amar Ujala Hindi News Live

आलू
– फोटो : Freepik
विस्तार
केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान (सीपीआरआई) की ओर से ऊंचे पर्वतीय क्षेत्रों के लिए तैयार की गई आलू की किस्म ‘कुफरी हिमालिनी’ लंबे समय तक खराब नहीं होगी। आलू की सामान्य किस्मों के मुकाबले इसकी पैदावार भी दोगुना होगी। कुफरी हिमालिनी किस्म पर सीपीआरआई के वैज्ञानिकों की ओर से लद्दाख के लेह में किया गया ट्रायल सफल रहा है। सीपीआरआई ने आईसीएआर (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद) के कृषि विज्ञान केंद्र के सहयोग से लेह के सात गांवों लिकिर, नांग, संकर, गंगल्स, तुक्चा, सासपोल और सकती में जनजातीय क्षेत्रों के किसानों के साथ कुफरी हिमालिनी किस्म के आलू के उत्पादन पर ट्रायल किया।
सीपीआरआई के सामाजिक विज्ञान प्रभाग के प्रमुख डाॅ. आलोक कुमार की अगुवाई में डाॅ. सालेज सूद, डाॅ. पिनबियांगलांग के. और केवीके लेह के डाॅ. कुंजांग लामो, डाॅ. दीक्षित डोलकर और जिग्मेट लस्टिक ने किसानों के साथ ऊंचे पर्वतीय क्षेत्रों में आलू की खेती में पेश आने वाली चुनौतियों के बारे में चर्चा भी की। किसानों को व्यावहारिक समाधान भी सुझाए। ट्रायल के दौरान कुफरी हिमालिनी का प्रदर्शन सामान्य किस्मों के मुकाबले बेहतर पाया गया है। स्थानीय किस्मों का उत्पादन जहां केवल 18 टन प्रति हेक्टेयर था, कुफरी हिमालिनी से उत्पादन 36 टन प्रति हेक्टेयर प्राप्त हुआ।

Comments are closed.