ब्यास नदी के तटीकरण की फाइल आपत्तियों के साथ हिमाचल सरकार को लौटा दी गई है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द आपत्तियां दूर कर फाइल सीडब्ल्यूसी को भेजी जाएगी।

सदन में संबोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री
– फोटो : अमर उजाला नेटवर्क
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सीडब्ल्यूसी (सेंटर वाटर कमीशन) ने ब्यास नदी के तटीकरण की फाइल आपत्तियों के साथ हिमाचल सरकार को लौटा दी है। ब्यास नदी में बार-बार बाढ़ आने से जानमाल का नुकसान होता है। इससे निपटने के लिए जिला कुल्लू और मंडी में पलचान से औट तक ब्यास नदी के तटीकरण का फैसला लिया गया है। सरकार की ओर से इसके लिए 1669.00 करोड़ रुपये की डीपीआर तैयार की गई। यह जानकारी उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने धर्मपुर के विधायक चंद्रशेखर की ओर से पूछे गए प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द आपत्तियां दूर कर फाइल सीडब्ल्यूसी को भेजी जाएगी। उन्होंने कहा कि मंडी व धर्मपुर में भी ब्यास नदी में बाढ़ आने से लोगों के मकान, जमीनें, सरकारी और निजी संपत्ति को भारी नुकसान हुआ है। ब्यास नदी की सहायक नदियों पर धर्मपुर क्षेत्र की एक परियोजना सकरैण, मलथोड़, थोथू, डोल और समौर खड्ड के लिए कटावरोधी व बाढ़ सुरक्षा का कार्य प्रगति पर है। इस योजना के लिए अभी तक 40.567 करोड़ केंद्र और राज्य सरकार ने जारी किए हैं। इनमें से 15.1607 करोड़ खर्च किए गए है। कार्य प्रगति पर है।

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