जोधपुर रेंज आईजी विकास कुमार ने बताया कि कापरड़ा थाना क्षेत्र के खोकरिया गांव निवासी प्रकाश की तलाश पुलिस को लंबे समय से थी। वह पहले भी डांगियावास पुलिस के हत्थे चढ़ चुका है। तब उसके पास से 10 क्विंटल डोडा पोस्त बरामद हुआ था। बाद में वह कुख्यात तस्कर ‘राजू फौजी’ के संपर्क में आ गया, जो फिलहाल भीलवाड़ा में दो पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में जेल में बंद है।
शादी के बाद पत्नी ने किया था इंकार, बहन-बहनोई ने दिया था सहारा
प्रकाश की हरकतों के चलते बचपन में हुई शादी के बाद उसकी पत्नी ने गोना करने से इनकार कर दिया था। बावजूद इसके उसने जुर्म की राह नहीं छोड़ी। वह लगातार फरार रहते हुए रिश्तेदारों के यहां शरण लेकर तस्करी को अंजाम देता रहा। तेज रफ्तार बाइक से भागने की कोशिशों में कई बार उसका एक्सीडेंट भी हुआ और पैर तक टूट गया।
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अंत में उसकी बहन ने उसे बनाड़ स्थित घर में पनाह दी, लेकिन उसकी आदतें नहीं बदलीं। बहन का पति यानी प्रकाश का बहनोई उसकी मौज-मस्ती और खर्चों से तंग आ चुका था। इसी बीच पुलिस कंट्रोल रूम में एक अज्ञात कॉल आई, जिसमें बदमाश की लोकेशन की जानकारी दी गई। कॉल करने वाले ने नाम बताने से इनकार करते हुए तुरंत फोन काट दिया।
कैटरिंग कर्मचारी के मोबाइल से हुआ था कॉल, बहनोई की भूमिका आई सामने
साइक्लोनर टीम ने जब जांच की, तो पता चला कि कॉल एक मैरिज गार्डन से की गई थी। पूछताछ में वहां के कैटरिंग व्यवसायी पर शक जताया गया, जिसने किसी व्यक्ति को अपना फोन इस्तेमाल करने दिया था। पुलिस ने जब उस व्यवसायी की गहराई से पड़ताल की तो सामने आया कि वह प्रकाश का बहनोई है। इसके बाद टीम ने उसके घर पर दबिश दी और प्रकाश को धर दबोचा। गिरफ्तारी के वक्त बहन ने अपने पति से तीखे लहजे में कहा ‘अब तो मिल गई तुम्हें ठंडक, बचा लिया अपना खर्चा’

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