DA-HRA के लिए न्यायिक कर्मचारियों सहित 96 संगठन सड़क पर; लेकिन कुछ संगठन बोले-6% के लिए सरकार का आभार
रायपुर: हड़ताल से कर्मचारी-अधिकारी महासंघ ने किया किनारामहंगाई भत्ता-DA और गृह भाड़ा भत्ता-HRA बढ़ाने की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ के 96 कर्मचारी संगठन अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले गए हैं। सुबह से कार्यालयों में कर्मचारियों का आना कम हुआ है। रायपुर के बूढा तालाब स्थित धरना स्थल पर कर्मचारियों का जमावड़ा होने लगा है। दूसरी ओर छत्तीसगढ़ प्रदेश लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ, छत्तीसगढ़ लघु वेतन कर्मचारी संघ और छत्तीसगढ़ सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी संघ ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिलकर 6% महंगाई भत्ते के लिए शुक्रिया कहा है।कर्मचारियों की इस प्रदेश व्यापी सबसे बड़ी हड़ताल से कर्मचारी-अधिकारी महासंघ ने हड़ताल से किनारा कर लिया है। इसमें 38 संगठन शामिल हैं। हालांकि इसके बावजूद संभावना जताई जा रही है, हड़ताल की वजह से स्कूलों में पढ़ाई, न्यायिक प्रक्रिया, राजस्व मामलों के निपटारे से लेकर सामान्य सरकारी कामकाज ठप हो सकता है। आंदोलन की अगुवाई कर रहे संगठन छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा ने बताया, फेडरेशन दो सूत्री मांग को लेकर लंबे समय से आंदोलित है।मुख्यमंत्री से मिलकर इन कर्मचारी नेताओं ने धन्यवाद दिया।दो सूत्री मांगों को लेकर है आंदोलनउन्होंने बताया कि केंद्र के समान देय तिथि से 34% महंगाई भत्ता एरियर्स सहित एवं सातवें वेतनमान के अनुरूप गृह भाड़ा भत्ता देने की मांग शामिल है। पिछले दिनों संगठन ने पांच दिनों के लिए हड़ताल की थी। तब अधिकारियों के साथ दो दौर की बातचीत में मांगों को माने जाने पर सहमति बन चुकी थी। बाद में सरकार ने ऐसे संगठनों को बातचीत के लिए बुला लिया जो आंदोलन में शामिल ही नहीं थे। उसके बाद 6% महंगाई भत्ता बढ़ाने का आदेश जारी हो गया।सरकार का 6% का फैसला स्वीकार नहींसंयोजक कमल वर्मा ने कहा कि यह बहुत कम है और अधिकांश कर्मचारियों को यह स्वीकार नहीं है। ऐसे में प्रदेश के 96 कर्मचारी संगठनों ने 22 अगस्त से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाने का फैसला किया है। इसमें न्यायिक सेवा अधिकारी-कर्मचारी संघ और कनिष्ठ अधिकारी संघ भी शामिल हो रहा है। प्रदेश के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है जब न्यायालय के कर्मचारी किसी हड़ताल में शामिल हो रहे हों। कमल वर्मा ने कहा, यह हड़ताल मांगों के पूरा होने तक जारी रहेगी।4 लाख से अधिक अफसर-कर्मचारियों की हड़ताल का दावाफेडरेशन का दावा है कि इस हड़ताल में प्रदेश के चार लाख से अधिक अधिकारी-कर्मचारी शामिल होंगे। इसकी वजह से प्रशासनिक और न्यायिक कामकाज पूरी तरह ठप हो सकता है। हड़ताली अधिकारी-कर्मचारी जिला और ब्लॉक मुख्यालयों पर भी धरना देंगे। रायपुर के धरना स्थल पर हड़ताल जारी रहने तक सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक धरना और सभा की योजना है। सुबह से कार्यालयों में कर्मचारियों का आना कम हुआ है। रायपुर के बूढा तालाब स्थित धरना स्थल पर कर्मचारियों का जमावड़ा होने लगा है।इन कार्यालयों पर पड़ेगा बड़ा असरकलेक्टर कार्यालय, राजस्व विभाग, तहसील कार्यालय, जिला न्यायालय, लोक निर्माण विभाग, खनिज, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, स्कूल शिक्षा, कोषालय, स्वास्थ्य, सिंचाई, नवा रायपुर अंतर्गत समस्त संचालनालय एवं इंद्रावती भवन, लोक सेवा आयोग, परिवहन विभाग, जनपद पंचायत, कृषि विभाग, वन विभाग, समाज कल्याण विभाग सहित 52 विभिन्न विभागों पर बड़ा असर पड़ सकता है। कई आयोग एवं मंडलों में भी काम ठप्प होने की संभावना है।वेतन विसंगति वाले मुद्दे पर सहायक शिक्षकों का संगठन भीवेतन विसंगति के मुद्दे पर सहायक शिक्षकों का संगठन सहायक शिक्षक-शिक्षक एलबी संवर्ग भी हड़ताल में शामिल हो गया है। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष जाकेश साहू ने बताया, छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा से उनकी तीन दौर की बातचीत हुई है। उसमें उन्होंने भविष्य में राजधानी में एक बड़ी बैठक आयोजित कर सहायक शिक्षकों के वेतन विसंगति सहित समस्त 86 कर्मचारी अधिकारी संगठनों के सभी प्रमुख मांगों का एक साथ मांग पत्र बनाकर अलग से प्रदेश व्यापी आंदोलन का आगाज करने की बात कही है। फिलहाल दो सूत्री मांगों पर ही आंदोलन के केंद्रित रहने की बात है। इस आश्वासन के बाद उनका संगठन भी हड़ताल में शामिल हो रहा है।कर्मचारी-अधिकारी महासंघ ने सरकार पर भरोसा जतायाकर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रांतीय प्रवक्ता संजय तिवारी ने बताया कि विभिन्न जिलों से यह सूचना प्राप्त हो रही है कि फेडरेशन के पदाधिकारी विभिन्न जिलों में कह रहे है कि महासंघ के संयोजक अनिल शुक्ला ने हड़ताल को नैतिक समर्थन दिया है। संजय तिवारी ने कहा, ऐसा नहीं है। वस्तु स्थिति यह है कि फेडरेशन के 25 से 29 जुलाई तक हुई हड़ताल को नैतिक समर्थन दिया था। महासंघ के प्रांतीय महासचिव ओ.पी. शर्मा और मंत्रालयीन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष महेंद्र सिंह राजपूत ने कहा कि मुख्यमंत्री से प्राप्त आश्वासन और मुख्य सचिव से चर्चा पर हमे पूर्ण भरोसा है। गृह भाड़ा भत्ता की दरें बहुत जल्दी पुनरीक्षित होंगी। उसके बाद सातवे वेतनमान के आधार पर गृह भाड़ा भत्ता मिलने लगेगा ।सरकार ने प्रशासनिक तैयारी तेज की, कार्यवाही भी हो सकती हैइधर सरकार में उच्च पदस्थ सूत्रों के हवाले से सूचना आ रही है कि फिलहाल सरकार कर्मचारी संगठनों से सख्ती से निपटने के मूड में है। कई संगठनों से बातचीत की जा रही है। दावा है कि कई संगठनों ने हड़ताल से खुद को पीछे खींच लिया है। सरकार कल से होने जा रही हड़ताल का नेतृत्व कर रहे कुछ गुटों पर कार्यवाही कर सकती है। सरकार के पास एस्मा लगाने का भी विकल्प मौजूद है।कलेक्टरों को संविदा और रिटायर कर्मचारियों को लगाने का निर्देशहड़ताल का प्रभाव कम करने के लिए भी तैयारी तेज है। सरकार ने सभी कलेक्टरों को इसके लिए निर्देश दिए हैं। कलेक्टरों से संविदा और सेवानिवृत्त कर्मचारियों के जरिए व्यवस्था सुचारु रूप से चलाने के निर्देश दिए गए हैं। कहा गया है, बाढ़ और बारिश की स्थिति में प्रशासन का मुस्तैद रहना आवश्यक है। ऐसे में वैकल्पिक व्यवस्था कर ली जाए।मुख्यमंत्री से मिलकर कर्मचारी संगठन बोले – थैंक्यूदूसरी ओर छत्तीसगढ़ प्रदेश लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ, छत्तीसगढ़ लघु वेतन कर्मचारी संघ और छत्तीसगढ़ सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी संघ के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात की है। इस दौरान इन कर्मचारी नेताओं ने 6% महंगाई भत्ता दिए जाने पर मुख्यमंत्री का आभार जताते हुए पुष्प गुच्छ भेंट कर उन्हें धन्यवाद ज्ञापित किया। उनका कहना था, सरकार कर्मचारियों के हित में काम कर रही है। पुरानी पेंशन योजना लागू करने से कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित हुआ है। कर्मचारियों की मांग पर 6% महंगाई भत्ता दिए जाने से कर्मचारियों की आर्थिक चिंता दूर हुई है।प्रतिनिधिमंडल में छत्तीसगढ़ प्रदेश लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष रोहित तिवारी, योगेश्वर भारती, जितेंद्र सिंह, सुनील यादव, हेमंत बघेल, आकाश तिवारी, अयूब खान शामिल थे। वहीं लघु वेतन कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष पी आर साहू, रविंद्र यादव, गुलाब ध्रुव और छत्तीसगढ़ सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी संघ के प्रांतीय अध्यक्ष डी.एस. भारद्वाज, आदित्य मिश्रा, हेमंत चंद्राकर आदि शामिल रहे।

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