
नाटक की प्रस्तुति देते कलाकार
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दमोह शहर के मानस भवन में चल रहे 20वें राष्ट्रीय नाट्य समारोह के दूसरे दिन गुरुवार को प्रसिद्ध साहित्यकार और लेखक मुंशी प्रेमचंद द्वारा रचित दो नाटकों की प्रस्तुति दी गई। ये नाटक मुंशी प्रेमचंद को समर्पित थे।
पहले नाटक “बड़े भाई साहब” की प्रस्तुति हुई। इस नाटक में एक बड़े भाई की कहानी है, जो बहुत मेहनत से पढ़ाई करता है, लेकिन बार-बार फेल होता रहता है। इसके विपरीत, उसका छोटा भाई, जिसका मन पढ़ाई में नहीं लगता, हमेशा अच्छे नंबरों से पास हो जाता है। बड़े भाई को यह ध्यान रखना पड़ता है कि वह बड़ा है और उसे समाज, स्कूल, और परिवार में उच्च आदर्श स्थापित करने हैं। यह नाटक शिक्षा प्रणाली पर एक बड़ा सवाल उठाता है। नाटक का निर्देशन संतोष तिवारी ने किया। इसके दौरान संस्था के वरिष्ठ सदस्य लक्ष्मीकांत तिवारी और सागर जिले के वरिष्ठ रंगकर्मी आशीष श्रीवास्तव को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
दूसरी प्रस्तुति युवा नाट्य मंच द्वारा “पंच परमेश्वर” नाटक की हुई। यह नाटक न्याय की भावना और उसे आत्मसात करने वाले लोगों की कहानी पर आधारित है। नाटक में अलगू चौधरी और जुम्मन शेख नामक दो दोस्तों की कहानी दिखाई गई, जो एक साथ खेती करते हैं। जुम्मन शेख अपनी खाला की जमीन धोखे से अपने नाम कर लेता है और बाद में वह और उसकी पत्नी खाला के साथ बुरा व्यवहार करते हैं। खाला यह मामला पंचायत में ले जाती है और पंच के रूप में अलगू चौधरी को नियुक्त किया जाता है। अलगू अपनी आत्मा की आवाज सुनकर और सच्चाई का पालन करते हुए जुम्मन के खिलाफ फैसला सुनाता है, जिससे खाला को न्याय मिलता है।
इससे जुम्मन के मन में अलगू के प्रति वैमनस्यता उत्पन्न हो जाती है। बाद में, जब अलगू का बैल मर जाता है और वह समझू साहू के खिलाफ पंचायत में जाता है, तब जुम्मन शेख पंच के रूप में बैठता है। हालांकि, जब जुम्मन पंच की कुर्सी पर बैठता है, तो उसके विचार बदल जाते हैं और वह सच्चाई के पक्ष में फैसला सुनाता है। यह नाटक पंच और न्याय की जीत को दर्शाता है।
नाटक की प्रस्तुति देते कलाकार

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