Delhi :दिल्ली पुलिस ने खुदकुशी करने जा रहे दो छात्रों की बचाई जिंदगी, सोशल मीडिया और सूझबूझ आई काम – Delhi Police Saved The Lives Of Two Students Who Were Going To Commit Suicide

दिल्ली पुलिस
– फोटो : फाइल फोटो
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सोशल मीडिया पर अलर्ट दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने समय से कदम उठाकर दो छात्रों की जान बचा ली। असम के छात्र ने खुदकुशी करने से पहले पंखे की फोटो सोशल मीडिया पर डालकर गुडबाय लिख दिया था। वही, गुरुग्राम के छात्र ने लिखा कि वह तनाव का शिकार हो गया है। छात्र के नंबर कम आने पर माता-पिता ने डांट दिया था। इस पर छात्र ने खुदकुशी करने का मन बना लिया था। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि एक सप्ताह तक सोशल मीडिया व पुलिस कंट्रोल रूम के जरिए छात्रों पर नजर रखी जाएगी।
स्पेशल सेल की आईएफएसओ के पुलिस उपायुक्त प्रशांत गौतम ने बताया कि 10वीं व 12वीं के परीक्षा परिणामों को देखते हुए पुलिस शुक्रवार सुबह से ही अलर्ट हो गई थी। सोशल मीडिया पर निगरानी रखने वाली टीमों की संख्या को 2 से बढ़ाकर 6 कर दिया गया था। इसके अलावा पुलिस कंट्रोल रूम में 112 नंबर पर भी पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ा दी गई थी। परिणाम आने के बाद पुलिस को पहला अलर्ट फेसबुक पर मिला, जिसमें असम के 10वीं के छात्र ने कमरे की पंखे की फोटो डालकर गुडबाय लिखा हुआ था।
इससे पुलिस को आशंका हुई कि छात्र खुदकुशी कर सकता है। इस पर दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने तुरंत असम पुलिस को सूचित किया और घर पर असम पुलिस को भेजा गया। पुलिस समय से मौके पर पहुंची और छात्र को बचा लिया। दिल्ली पुलिस के कहने पर असम पुलिस ने छात्र व माता-पिता की काउंसलिंग कराई। इस तरह दिल्ली पुलिस ने सैकड़ों किलोमीटर दूर एक छात्र की जान बचा ली।
इसके बाद दिल्ली पुलिस को दूसरा अलर्ट मिला, जिसमें एक छात्र ने सोशल मीडिया पर लिखा कि वह तनाव का शिकार हो गया है और खतरनाक कदम उठाने की सोच रहा है। पुलिस ने छात्र का एड्रेस पता किया तो गुरुग्राम का निकला। दिल्ली पुलिस ने गुरुग्राम पुलिस से संपर्क कर छात्र के घर भेजा। यहां पता लगा कि छात्र के 12वीं में नंबर कम आए थे और इस पर उसे माता-पिता ने काफी डांट दिया था। जाच में माता-पिता की कमी सामने आई। इस पर दिल्ली पुलिस ने गुरुग्राम पुलिस के साथ मिलकर माता-पिता की काउंसलिंग कराई और छात्र को भी समझाया।
फेल और कम नंबर आने से आहत तीन ने जान दी
बोर्ड परीक्षा के नतीजे आने के बाद राजधानी में तीन जगहों पर 12वीं की दो छात्राओं व एक छात्र ने फंदा लगाकर जान दे दी। तीनों मामलों सुसाइड नोट नहीं मिला है, लेकिन परिजनों का कहना है कि परिणाम ठीक नहीं आने से तीनों ने कदम उठाया।
19 साल की शिवानी माता-पिता, दो बहनें और भाई के साथ ए ब्लॉक सुल्तानपुरी में रहती थी। चचेरी बहन ने बताया कि शिवानी चार विषयों में फेल हो गई थी। शाम साढ़े पांच बजे वह ऊपर की मंजिल पर कमरे में गई। परिवार को लगा कि वह चाय बनाने गई है, लेकिन ऊपर से कोई आवाज नहीं आने पर मां पहुंची तो शिवानी पंखे से चुन्नी की मदद से लटकी हुई थी। कोई सुसाइड नोट नहीं मिला। जिस कमरे में उसने जान दी, वहां बिस्तर पर रिजल्ट रखा हुआ था। जांच करने पर चार विषयों में फेल होने का पता चला।
वहीं, हरिनगर में शुक्रवार देर रात दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल से पुलिस को किशोरी के खुदकुशी की जानकारी मिली। पुलिस को पता चला कि किशोरी को मृत घोषित कर दिया गया है। किशोरी की पहचान अशप्रीत कौर (16) के रूप में हुई। पिता ने बताया कि अशप्रीत साइंस स्ट्रीम की 12वीं की छात्रा थी। उसके 75 फीसदी अंक आए थे, जिससे वह परेशान थी। रात में कमरे में चली गई। जब पिता उसके कमरे में गए तो उसे फंदे पर लटका हुआ देखा।
इधर, ओखला में 12वीं में एक विषय में फेल होने से आहत पिंटू ने जान दे दी। परिजनों ने बताया कि इकोनॉमिक्स में 30 नंबर मिलने से वह परेशान था।
अभिभावक बच्चों को सफल होने की तैयारी तो कराते हैं, लेकिन असफलता का सामना करने को तैयार नहीं कर पाते। मां-बाप का दबाव और फियर ऑफ मिसिंग आउट जैसे शब्द आजकल सोशल मीडिया पर खूब दिखते हैं। इससे उन पर पहचान खत्म हो जाने का खतरा हावी हो जाता है। वह आत्महत्या करने या घर छोड़कर चले जाने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं ढूंढ पाते।
– प्रोफेसर संजय भट्ट, सामाजिक कार्य विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय से बातचीत के आधार पर

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