
तिहाड़ से बाहर आए केजरीवाल
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आम आदमी पार्टी (आप) संयोजक व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद राजधानी की सियासत शुक्रवार गरमा गई। आप ने इसे सत्य की जीत करार दिया। वहीं, आप नेताओं को जेल में डालने की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए भाजपा को देश से माफी मांगने की नसीहत दी। आप का कहना था कि जमानत दिल्ली की जनता की जीत और केजरीवाल के सत्यनिष्ठा का प्रमाण है।
वहीं, भाजपा नेताओं का कहना है कि जमानत मिलने के बावजूद केजरीवाल को अपनी मुख्यमंत्री की भूमिका में वापस आने से रोकने वाली कुछ शर्तें हैं। इससे वह मुख्यमंत्री के रूप में कार्य नहीं कर सकते। भाजपा ने यह भी कहा कि जमानत शर्तों और उनके खिलाफ भ्रष्टाचार और अन्य आरोपों की गंभीरता को देखते हुए उन्हें मुख्यमंत्री पद पर बने रहने का कोई हक नहीं है। जबकि कांग्रेस ने आप को जश्न न मनाने की नसीहत दी।
अब केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं: वीरेंद्र सचदेवा
प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी व उन पर लगे आरोपों को वैध करार दिया हैं। कोर्ट की शर्तों को देखते हुए केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। इस कारण उन्होंने तत्काल त्याग पत्र दे देना चाहिए। सचदेवा ने कहा कि सशर्त जमानत केजरीवाल की विशेष उपलब्धि नहीं है। उनके खिलाफ मुकदमा चलेगा और सजा होगी। वह अब लालू यादव, मधु कोड़ा जैसे मुख्यमंत्रियों की सूची में जुड़ गए हैं। इसके अलावा केजरीवाल मुख्यमंत्री का काम नहीं कर सकेंगे।
लोगों को भ्रमित करने के लिए जश्न मना रही आप- सांसद बांसुरी स्वराज
सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा कि केजरीवाल को ट्रायल में देरी होने की संभावना के कारण जमानत मिली है। लोगों को भ्रमित करने के लिए इस पर आप जश्न मना रही है। सुप्रीम कोर्ट ने भी पाया है कि केजरीवाल की गिरफ्तारी कानूनी तौर पर सही है। केजरीवाल ने दो अर्जी लगाई थी, जिसमें जानने की कोशिश की गई थी कि उनकी गिरफ्तारी कानूनी तौर पर सही है? और दूसरी मांग जमानत की थी। उन्होंने बताया कि ट्रायल कोर्ट व हाई कोर्ट की तरह सुप्रीम कोर्ट ने भी माना है कि उनकी गिरफ्तारी कानूनी तौर पर सही है।
दिल्ली की सरकार कैसे चलाएंगे?- सांसद रामवीर बिधूड़ी
दक्षिण दिल्ली से भाजपा सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से केजरीवाल को जमानत दिए जाने के साथ ही मुख्यमंत्री के रूप में उनके काम करने पर रोक लगाने से दिल्ली में संवैधानिक संकट पैदा हो गया है। जब केजरीवाल मुख्यमंत्री के कार्यालय नहीं जा सकते, किसी फाइल पर हस्ताक्षर नहीं कर सकते तो फिर वह दिल्ली की सरकार कैसे चलाएंगे? उन्हें यह स्पष्ट करना होगा।
आप का नया नारा, खाओ और खाने दो: विजेंद्र गुप्ता
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि आम आदमी का ख्याल करने की जगह आप ”खाओ और खाने दो” की नीति पर काम करते हुए कुछ खास लोगों को फायदा पहुंचा रही है। आप कार्यकर्ताओं का जश्न हैरान करने वाली बात है, क्योंकि केजरीवाल बरी नहीं हुए हैं, वह अभी भी आरोपी हैं।

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