Dhinga Gawar: Historical Fair In Jodhpur From Today; Ban On Men-dj Action Will Taken On Misbehavior With Women – Jodhpur News
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जानकारी के मुताबिक, परकोटे में तकरीबन 40 स्थान पर गणगौर विराजमान रहेगी। पूर्व संध्या तीजणियां जल लेने निकलीं तो शहर में जगह-जगह उनका स्वागत किया गया। पदम सागर से तीजणियां गवर माता के लिए जल लेने पहुंचीं।
क्या है धींगा गवर की परंपरा?
बताया जाता है कि राव जोधा राज परिवार ने यह परंपरा शुरू की और तब से यह परंपरा चली आ रही है। धींगा गवर को मां पार्वती के सती होने के बाद दूसरा रूप माना जाता है। इसीलिए धींगा गवर की पूजा की जाती है। भीतरी शहर में जगह-जगह गवर की पूजा करने वाली महिलाएं रहती हैं और समूह बनाकर गवर की पूजा की जाती है। धींगा गवर की दौरान पूरी रात महिलाओं का राज होता है। महिलाओं के हाथों में जो बेंत होता है उसको लेकर भी अलग-अलग मान्यता है। कोई इसे समृद्धि का प्रतीक मानता है तो कोई उसे कहता है कि जिस कुंवारे को यह बात पड़ती है, उसका विवाह हो जाता है। बेंत को लेकर महिलाएं घूमती हैं। यह बेंत साधारण नहीं होता, इसकी 16 दिनों तक पूजा की जाती है।
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आयोजन से पहले भोलावनी के मेले के दौरान महिलाओं और युवतियों से छेड़छाड़ की घटनाएं सामने आने के बाद शहर में खासा रोष फैल गया। इसके बाद पुलिस प्रशासन के साथ महिलाओं और उत्सव समिति की बैठक हुई, जिसमें कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। खासतौर से बाहरी युवकों की एंट्री पर बैन की बात सामने आई है। साथ ही महिलाओं से बदसलूकी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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