Digvijay Said- Muslims Are Below Sc, St In Government Jobs, Even Today Only 74% Of The Muslim Population Is Li – Amar Ujala Hindi News Live – Mp:दिग्विजय बोले

दिग्विजय सिंह
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने कहा कि यह देश सबका है आज भी आबादी के केवल 74 फीसदी मुस्लिम साक्षर हैं। यह शेड्यूल कास्ट (SC), शेड्यूल ट्राइब (ST) से देखेंगे, तो उनके लगभग बराबर हो जाता है, लेकिन सरकारी नौकरियों में SC और ST से मुस्लिम बहुत नीचे हैं। दरअसल भोपाल के रविन्द्र भवन में शुक्रवार को एसोसिएशन ऑफ मुस्लिम प्रोफेशनल्स की ओर से 8वीं नेशनल अवार्ड फॉर एक्सीलेंस इन एजुकेशन 2024 का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। अध्यक्षता शहर काजी मुश्ताक अली नदवी ने की। कार्यक्रम में राजस्थान और हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति प्रो. फुरकान कमर, भोपाल मध्य विधायक आरिफ मसूद, उत्तर विधायक आतिफ अकील, छत्तीसगढ़ के पूर्व डीजीपी मो.वाजिद अंसारी मुख्य रूप से मौजूद रहे। कार्यक्रम में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में अच्छा काम करने वाले देश भर के शिक्षाविदों, डॉक्टरों का सम्मान किया गया।
एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस में पद खाली
दिग्विजय सिंह ने कहा कि किसी भी देश को तरक्की करना है, तो शिक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना चाहिए, क्योंकि भविष्य इस पर निर्भर करता है। आज देख रहे हैं कि एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस में पद खाली पड़े हैं। कॉन्ट्रैक्ट पर शिक्षक अपॉइंट किए जा रहे हैं। प्रोफेसर की पोस्ट खाली हैं। अब जो कॉन्ट्रैक्ट पर है, वह क्या पढ़ाएगा? क्या क्वालिटी दे पाएगा? सरकार ने एक्सेस प्रोवाइड कर दिया, लेकिन जब तक उसमें क्वालिटी आफ एजुकेशन नहीं आएगा, तब तक प्रतियोगिता में कहां तक पहुंच पाएगा?
सरकारी स्कूल में कोई नहीं भेजना चाहता अपने बच्चे
दिग्विजय सिंह ने कहा कि हालात यह हैं कि सरकारी स्कूलों में कोई बच्चे भेजना पसंद नहीं करता। उस समय जब मैं मुख्यमंत्री था, तब बड़ी चुनौती थी कि सरकारी बच्चे मेरिट लिस्ट में नहीं आते थे। हमने कहा कि हर जिले में एक विद्यालय को स्कूल आफ एक्सीलेंस के तौर पर शुरू करेंगे। उसमें कलेक्टर को अध्यक्ष बनाकर डिसेंट्रलाइज कर दिया। कहा कि वहां सबसे बेहतरीन टीचर को पोस्ट करिए। उसमें छात्र-छात्राओं का सिलेक्शन भी उसी हिसाब से होना चाहिए। दो-तीन साल बाद ही कई बोर्ड की मेरिट लिस्ट में आने लगे। तब से विद्वान कॉन्ट्रैक्ट प्रोफेसर के रूप में काम कर रहे हैं। जुलाई से सत्र चालू हो गया, लेकिन अभी तक नियुक्तियां नहीं हो पाईं।
वॉइस चांसलर के लिए आरएसएस का होना जरूरी
दिग्विजय सिंह ने कहा कि मुस्लिम की बड़ी आबादी इंटेलेक्चुअल हैं, जिनका समाज में कंट्रीब्यूशन भी अच्छा रहा है। उन्हें विशेष तौर पर ध्यान देना चाहिए कि अधिक लोगों को प्रोफेशनल एजुकेशन की तरफ ले जाएं। दिग्विजय सिंह ने कहा कि जब मै मुख्यमंत्री था, तो मै प्राइवेट यूनिवर्सिटी की भी कोशिश की थी। इंजीनियरिंग कॉलेज की परमिशन दी, लेकिन प्राइवेट कॉलेज में क्वालिटी आफ एजुकेशन के लिए अलग से यूनिवर्सिटी बनाई।हमारे यहां नरसिंहपुर के मामले में कहां जाता था कि पढ़ा लिखा ना होय, नरसिंहपुरिया होय। आज वॉइस चांसलर की यह हालत हो रही है कि पढ़ा लिखा ना होए आरएसएसिया होय। आज जितना करप्शन एजुकेशन सिस्टम में हो रहा है, उतनी हम कल्पना भी नहीं कर सकते।

Comments are closed.