ये बोले ग्रामीण
वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व की सर्रा रेंज अंतर्गत आने वाले कोटखेड़ा गांव में शुक्रवार को वन विभाग की कार्रवाई के दौरान विवाद हो गया। ग्रामीणों का आरोप है कि अतिक्रमण हटाने पहुंचे वन अमले ने महिलाओं के साथ मारपीट की और जेसीबी से धक्का देकर घायल कर दिया। वहीं, विभाग ने इन आरोपों को निराधार बताया है।
ग्राम निवासी गीता अहिरवार ने बताया कि कोटखेड़ा गांव में कुछ भूमि निजी, कुछ राजस्व और कुछ वन क्षेत्र की है, जिस पर ग्रामीणों ने कब्जा कर खेती की है। शुक्रवार दोपहर सर्रा रेंजर, डिप्टी रेंजर और वनकर्मियों की टीम मौके पर पहुंची और खेतों की सुरक्षा के लिए लगाई गई खखरी (कंटीले झाड़) को हटाने लगी। जब ग्रामीणों ने इसका विरोध किया, तो कथित रूप से दो महिलाओं के साथ मारपीट कर उन्हें जेसीबी के सामने फेंक दिया गया। मशीन की टक्कर लगने से वे बेहोश हो गईं।
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ग्रामीण गुड्डा अहिरवार ने बताया कि वन विभाग की टीम पूर्व में भी खेती रोकने आई थी। उस समय गेहूं की बुआई चल रही थी, तब ग्रामीणों ने वनकर्मियों को एक लाख रुपये देकर कार्रवाई टाल दी थी। अब जबकि फसल कटाई का समय है, तो फिर से वन अमला आकर खखरी हटाने लगा। उन्होंने कहा कि यदि खखरी हटा दी गई तो मवेशी फसल नष्ट कर देंगे, इसी कारण ग्रामीणों ने विरोध किया।
घायल महिलाओं को तेंदुखेड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों के मुताबिक, बट्टू अहिरवार की पत्नी सेलो को गंभीर चोटें आई हैं, हालत में सुधार नहीं हुआ तो उन्हें जबलपुर रेफर किया जा सकता है। दूसरी महिला पूना, पत्नी जमुना अहिरवार ने बताया कि विरोध करने पर जेसीबी से धक्का मार दिया गया, जिससे वह बेहोश हो गईं।
इस पूरे मामले में सर्रा रेंजर बलविंदर सिंह ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पूर्व में अतिक्रमणकारियों से सहमति बनी थी कि फसल कटाई के बाद कब्जा हटा लिया जाएगा। कुछ लोगों ने अतिक्रमण हटा भी लिया, लेकिन कुछ ने टालमटोल शुरू कर दी। शुक्रवार को जब टीम पहुंची, तो महिलाओं ने गाली-गलौज शुरू कर दी, जिस पर टीम को लौटना पड़ा। रेंजर ने फसल नष्ट करने या पैसे लेने के आरोपों को पूरी तरह बेबुनियाद बताया है।
