रियल एस्टेट बाजार में मजबूती बनी हुई है। रेजिडेंशियल सेक्टर के साथ-साथ कमर्शियल रियल एस्टेट में भी मांग में तेजी देखने को मिल रही है। इस अवसर का लाभ उठाने के लिए प्रमुख रियल एस्टेट कंपनियां लगातार नए प्रोजेक्ट लॉन्च कर रही हैं। इसी कड़ी में, रियल एस्टेट क्षेत्र की दिग्गज कंपनी DLF ने चालू और अगले वित्त वर्ष के दौरान प्रीमियम ऑफिस स्पेस और शॉपिंग मॉल्स के विकास पर 10,000 करोड़ रुपये निवेश करने की योजना बनाई है। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, इस निवेश से DLF की रेंटल इनकम में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है। वर्तमान में DLF समूह के पास कुल 4.5 करोड़ वर्ग फुट वाणिज्यिक संपत्ति है, जिसमें 4.1 करोड़ वर्ग फुट कार्यालय स्थल और 40 लाख वर्ग फुट रिटेल स्पेस शामिल हैं।
5,000 करोड़ से अधिक रेंटल इनकम
DLF की सालाना किराया आमदनी फिलहाल 5,000 करोड़ रुपये से अधिक है। कंपनी अब इस आमदनी को अगले स्तर पर ले जाने की तैयारी में है। कंपनी के वाइस चेयरमैन और प्रबंध निदेशक (किराया कारोबार) श्रीराम खट्टर ने बताया कि भारत में ग्रेड A++ श्रेणी की वाणिज्यिक संपत्तियां वैश्विक स्तर की गुणवत्ता को बेहतर लागत पर उपलब्ध करवा रही हैं, जिससे विदेशी और घरेलू कॉरपोरेट्स दोनों आकर्षित हो रहे हैं।
खट्टर के अनुसार, DLF समूह इस माहौल का पूरा लाभ उठाने के लिए अपने किराये वाली वाणिज्यिक संपत्तियों के पोर्टफोलियो का बड़े पैमाने पर विस्तार कर रहा है। कंपनी गुरुग्राम, चेन्नई, दिल्ली और नोएडा जैसे प्रमुख व्यावसायिक केंद्रों में ऑफिस स्पेस और रिटेल कॉम्प्लेक्स का निर्माण कर रही है, ताकि कॉरपोरेट और खुदरा विक्रेताओं की मजबूत मांग को पूरा किया जा सके। उन्होंने यह भी बताया कि कोविड महामारी के बाद आई तेजी के मद्देनज़र DLF ने विशेष रूप से दिल्ली-एनसीआर और चेन्नई में अपनी वाणिज्यिक मौजूदगी बढ़ाने पर ज़ोर दिया है।
निवेश योजना को मिली मंजूरी
उन्होंने कहा कि डीएलएफ को पहले ही जीआईसी, हाइंस के साथ अपने संयुक्त उद्यमों और अपने खुद के बही-खाते के बल पर चालू और अगले वित्त वर्ष के लिए सालाना 5,000 करोड़ रुपये के निवेश की मंजूरी मिल चुकी है। ऐसे में डीएलएफ देश की कुछ बेहद महंगी वाणिज्यिक संपत्तियों का निर्माण कर रही है।’’ उन्होंने कहा कि प्रीमियम शॉपिंग मॉल और कार्यालय स्थलों के विकास से ‘‘आने वाले वर्षों में किराये की आय में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।’’ डीएलएफ समूह अपनी संयुक्त उद्यम कंपनी डीएलएफ साइबर सिटी डेवलपर्स लिमिटेड (डीसीसीडीएल) के तहत अपनी अधिकांश वाणिज्यिक संपत्ति रखता है। इस संयुक्त उद्यम कंपनी में डीएलएफ की 66.67 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि सिंगापुर की सॉवरेन संपदा कोष कंपनी जीआईसी के पास शेष 33.33 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

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