
डॉ. पॉल की हत्या
– फोटो : अमर उजाला
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भला डॉक्टर योगेश चंद्र पॉल (63) की किसी से क्या दुश्मनी हो सकती है, इतने भले व्यक्ति की कोई क्यों हत्या करेगा…शनिवार को हर किसी की जुबान पर बस यही था। डॉक्टर होने के साथ-साथ डॉ. योगेश बेहद नेक इंसान थे। इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अपनी क्लीनिक पर रोजाना व गरीब लोगों का मुफ्त इलाज व दवाई देते थे। इसके अलावा वह बेहद मिलनसार भी थे। पुलिस सूत्रों का कहना है कि हत्यारों ने जिस कदर उनके शव के साथ बेरहमी की उसे देखकर नहीं लगता कि लूटपाट के लिए उनको मारा गया है। बदमाशों ने बुजुर्ग डॉ. योगेश के गले में कुत्ते का पट्टा डालने के अलावा उनके मुंह में टोपी डाल दी। इसके बाद उनके सिर पर किसी भारी वस्तु से कई वार किए गए।

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