Due To Strong System, Continuous Rain Is Happening In Entire Mp, One Percent More Rainfall Than Normal In The – Amar Ujala Hindi News Live

भोपाल की बारिश
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
मध्यप्रदेश में मौसम का स्ट्रांग सिस्टम एक्टिव होने से राजधानी भोपाल समेत प्रदेश भर में तेज बारिश का दौर चल रहा है जिस वजह से लोगों की मुसीबतें बढ़ गई। कई जिलों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। गुरुवार को भी कई जिलों में बारिश का दौर जारी है। भोपाल में सुबह से रिमझिम बारिश होती रही। दोपहर से तेज बारिश शुरु हो गई। इधर मौसम विभाग में प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार मध्य प्रदेश में 1 जून से 25 जुलाई 2024 – लंबी अवधि के औसत से 1% अधिक बारिश हुई है। पूर्वी मध्य प्रदेश में औसत से 1% कम बारिश हुई है। वहीं पश्चिमी मध्य प्रदेश में औसत से 3% अधिक बारिश हुई है।
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बिजली के साथ भारी बारिश का अलर्ट
मध्य प्रदेश मौसम विभाग द्वारा जारी अलर्ट के अनुसार पूर्वी भोपाल, नर्मदापुरम पचमढ़ी, रायसेन भीमबेटका सांची, विदिशा उदयगिरि, श्योपुर, नीमच, मंदसौर गांधीसागर बांध, उत्तरी टीकमगढ़, छतरपुर खजुराहो, कटनी, मैहर, में तेज बारिश जारी रहने की संभावना है। रीवा, सीधी, शहडोल बाणसागर बांध, उमरिया बांधवगढ़, पन्ना के साथ-साथ पश्चिम भोपाल, टीकमगढ़, सतना चित्रकूट, मऊगंज, सिंगरौली, निवाड़ी ओरछा, सागर में बिजली के साथ मध्यम बारिश होने की संभावना है। दमोह, डिंडोरी, जबलपुर, मंडला कान्हा, अनुपपुर अमरकंटक, नरसिंहपुर, मुरैना, शिवपुरी, दतिया रतनगढ़, अशोकनगर, रतलाम धोलावाड़, उज्जैन महाकालेश्वर, आगर मालवा, राजगढ़, सीहोर, देवास, हरदा, खरगोन महेश्वर के साथ-साथ ग्वालियर, भिंड, गुना, शाजापुर, बालाघाट, सिवनी, पांढुर्ना, पेंच, छिंदवाड़ा, बैतूल, बुरहानपुर, खंडवा ओंकारेश्वर, बड़वानी बमें बिजली के साथ हल्की आंधी को संभावना है।
28 जुलाई से फिर स्ट्रॉन्ग सिस्टम होगा एक्टिव
मौसम वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह ने बताया कि 28 जुलाई से फिर स्ट्रॉन्ग सिस्टम की एक्टिविटी हो सकती है। 29 और 30 जुलाई को उत्तरी हिस्से में तेज बारिश होने का अनुमान है।सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि मानसून ट्रफ ऊपर चली गई है। लो प्रेशर एरिया साइक्लोनिक सर्कुलेशन के रूप में एक्टिव है। एक अन्य साइक्लोनिक सर्कुलेशन नॉर्थ गुजरात में है। यह मानसून ट्रफ के साथ मर्ज हो गया है। इन वजहों से प्रदेश में बारिश हो रही है। झारखंड पर बने चक्रवात के बांग्लादेश की तरफ चले जाने से मध्य प्रदेश में वर्षा की गतिविधियों में कुछ कमी आ सकती है। हालांकि मानसून ट्रफ के प्रदेश से गुजरने के साथ ही अरब सागर एवं बंगाल की खाड़ी से नमी मिलने का सिलसिला बना रहने से पूरे प्रदेश में वर्षा होने के आसार हैं। विशेषकर ग्वालियर, सागर एवं इंदौर संभाग के जिलों में एक-दो स्थानों पर भारी वर्षा भी हो सकती
प्रदेश में इन मौसम प्रणालियों के असर
मानसून द्रोणिका राजस्थान, ग्वालियर, सीधी से ओडिशा होते हुए बंगाल की खाड़ी तक बनी हुई है। पाकिस्तान के पास एक पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है। इसके अतिरिक्त गुजरात से लेकर केरल तक अपतटीय द्रोणिका बनी हुई है। इन मौसम प्रणालियों के असर से मध्य प्रदेश में अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से नमी आ रही है। इससे मानसून की सक्रियता बरकरार है। झारखंड पर हवा के ऊपरी भाग में बना चक्रवात अब पश्चिम बंगाल और उससे लगे बांग्लादेश पर चला गया है। हालांकि मानसून द्रोणिका के मध्य प्रदेश से होकर गुजरने और अलग-अलग स्थानों पर बनी दो अन्य मौसम प्रणालियों के असर से बंगाल की खाड़ी एवं अरब सागर से नमी आ रही है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक वातावरण में बड़े पैमाने पर नमी बरकरार रहने से पूरे प्रदेश में वर्षा होने की संभावना है।
जाने पिछले 24 घंटे में कहां कितना हुई बारिश
प्रदेश में पिछले 24 घंटों के दौरान टीकमगढ़ में 88, सागर में 65.2, उमरिया में 49.6, मलाजखंड में 33.7, खरगोन में 24.2, मंडला में 24, गुना में 23.2, जबलपुर में 20.6, दमोह में 15, खजुराहो में 12.4, खंडवा में 10, सीधी में 8.6, पचमढ़ी में 4.9, उज्जैन में 4.6, सतना में 4.1, रतलाम में चार, धार एवं सिवनी में 3.2, नर्मदापुरम में तीन, इंदौर में 2.7, रीवा में 2.4, रायसेन में 2.2, ग्वालियर में 2.1, बैतूल में एक, भोपाल में 0.6 मिलीमीटर वर्षा हुई। बता दें कि इस सीजन में एक जून से लेकर 25 जुलाई की सुबह साढ़े आठ बजे तक मध्य प्रदेश में 386.9 मिमी वर्षा हो चुकी है। जो सामान्य वर्षा (382.8 मिमी.) की तुलना में एक प्रतिशत अधिक है।

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