
एएमयू बाब ए सैय्यद गेट से रजिस्ट्रार ऑफिस तक मार्च निकालते एएमयू कर्मचारी
– फोटो : संवाद
विस्तार
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय प्रशासन की बदइंतजामी पर 29 जुलाई को कर्मचारियों का गुस्सा फूट पड़ा। एमएमएमटीसी से निकाले गए 15 कर्मचारियों को दोबारा रखने और वेतन वृद्धि समेत कई मांगों को लेकर कर्मचारियों ने बाब-ए-सैयद से लेकर प्रशासनिक ब्लॉक तक पैदल मार्च निकाला। एमएमएमटीसी से निकाले गए कर्मचारियों ने परिवार संग भूख हड़ताल की धमकी दी है। इस दौरान कर्मचारियों ने नारेबाजी भी की।
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पैदल मार्च में शामिल कर्मचारियों ने बताया कि 15 साल से ज्यादा समय से 2450 दैनिक भत्ताभोगी कर्मचारी काम कर रहे हैं, जिन्हें अकुशल व कुशल श्रेणी में रखा गया है। इन कर्मचारियों को 11,700 रुपये, 12,840 और 14,550 रुपये दिए जा रहे हैं, जो वर्तमान में महंगाई के हिसाब से काफी कम हैं। इसके अलावा, एमएमएमटीसी से निकाले गए 15 कर्मचारियों ने कहा कि अगर 72 घंटे में विवि प्रशासन कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं करता है तो उनके पास अपने परिवार के सदस्यों के साथ भूख हड़ताल करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। कर्मचारियों ने प्रॉक्टर प्रो. मोहम्मद वसीम अली को अपनी परेशानियां बताईं। बाद में कर्मचारियों ने पांच सूत्री मांग पत्र सौंपा।
ये हैं मांगें
- कार्यकारी परिषद से अनुमोदित दैनिक वेतनभोगियों के वेतन में वृद्धि और महंगाई भत्ता दिया जाए।
- यूजीसी से एएमयू में संचालित मदन मोहन मालवीय टीचर्स ट्रेनिंग सेंटर (एमएमएमटीसी) के 15 दैनिक कर्मचारियों की सेवाएं बहाल की जाएं।
- दैनिक वेतनभत्ताभोगी कर्मचारियों और उनके परिवार को एमएएस से दवाएं मिलने की सहूलियत दी जाए।
- दैनिक वेतनभोगियों की वरिष्ठता सूची को तब तक संचालित किया जा सकता है, जब तक कि विश्वविद्यालय भर्ती (स्क्रीनिंग और सामान्य स्क्रीनिंग समिति) के लिए नई नीति नहीं अपनाता है। रिक्त पदों पर दैनिक वेतनभोगियों की वरिष्ठता सूची के आधार पर अस्थायी नियुक्तियां की जा सकती हैं।
- एएमयू के मृतक नदीम महमूद के परिवार के एक सदस्य को अनुकंपा के आधार पर नौकरी दी जाए।

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