
सीएम एकनाथ शिंदे
– फोटो : पीटीआई
विस्तार
महाराष्ट्र में विभिन्न विभागों के पास उपलब्ध महिला लाभार्थियों के पास मौजूदा डेटा का उपयोग राज्य सरकार की हाल ही में घोषित ‘मुख्यमंत्री माझी लड़की बहिन’ योजना के लिए किया जाएगा। विभाग के अधिकारी ने यह जानकारी दी है। इस संबंध में बुधवार को विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने बैठक की।
विधानसभा चुनाव से पहले घोषित इस योजना के तहत पात्र महिलाओं को हर महीने डेढ़ हजार रुपये मिलेंगे।
डेटा इकट्ठा करने के बोझ को कम करने के लिए लिया गया फैसला
महिला एवं बाल विकास (डब्ल्यूसीडी) विभाग के एक अधिकारी ने कहा, “डेटा इकट्ठा करने के बोझ को कुछ हद तक कम करने के लिए मौजूदा डेटा का उपयोग करने पर विचार किया गया है।”
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारी ने बताया कि ग्रामीण विकास और खाद्य और नागरिक आपूर्ति जैसे विभागों के पास पहले से ही पुरानी योजनाओं के लिए एकत्र की गई महिला लाभार्थियों का डेटाबेस है। इन विभागों को महिला और बाल विकास विभाग के साथ डेटा साझा करने के लिए कहा गया है, जो ‘लड़की बहिन’ योजना को लागू करने जा रहा है।”
डब्ल्यूसीडी विभाग डेटा, बैंक खाते और अन्य आवश्यक जानकारी को इकट्ठा करेगा और धन के वितरण के लिए इसे आईटी विभाग के साथ साझा करेगा।
‘नए आवेदकों के डेटा का सत्यापन करना बड़ी चुनौती’
अधिकारी ने आगे कहा कि पहले से मौजूद इस डेटा तक पहुंचना और समेकित करना तुलनात्मक रूप से आसान है। क्योंकि इसका उपयोग समय-समय पर कई योजनाएं के जरिए फंड संवितरण के लिए किया जाता है। अन्य पात्र महिलाएं योजना का लाभ लेने के लिए मोबाइल ऐप के साथ ही भौतिक रूप से आवेदन पत्र भर सकती हैं। लेकिन इन नए आवेदनों के डेटा की जांच और सत्यापन करना होगा, जो हमारे पास कम समय को देखते हुए एक बड़ा काम है।
एकनाथ शिंदे सरकार ने राज्य विधानमंडल के चल रहे मानसून सत्र के दौरान पेश की गई पूरक मांगों के माध्यम से लड़की बहिन योजना के लिए 25,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।

Comments are closed.