
Dead body demo
– फोटो : istock
विस्तार
डॉक्टर भगवान का दूसरा रूप होते हैं… इस कथन को दशमेश खालसा चैरिटेबल अस्पताल हेरां के डॉ. सरफराज ने सत्य कर दिखाया है। गांव ढोलण वासी चमकौर सिंह को मरा समझ उसका परिवार अस्पताल के शवगृह में रखने आया था। डॉ. सरफराज को आभास हुआ कि उसकी सांसें चल रही हैं और वह जिंदा है।

Comments are closed.