Fatehabad:इकलौते बेटे होमगार्ड गुरसेवक सिंह की नूंह में उपद्रवियों ने ली जान, आज लौटना था घर – Miscreants Killed Home Guard Gursewak Singh Only Son Of His Parents In Nuh

गुरसेवक सिंह का फाइल फोटो
– फोटो : अमर उजाला
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नूंह में ब्रजमंडल यात्रा पर हुए पथराव के बाद भड़की हिंसा ने फतेहाबाद के टोहाना खंड के गांव फतेहपुरी निवासी होमगार्ड 32 वर्ष के गुरसेवक सिंह को भी लील लिया। गुरसेवक अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। उसके दो छोटे-छोटे बच्चे हैं।
दस वर्षों से फतेहाबाद में ड्यूटी करने वाले गुरसेवक सिंह को 7 जुलाई को ही गुरुग्राम के खेड़की दौला थाने में अस्थायी तौर पर तैनात किया गया था। 24 जुलाई को वह घर आकर वापस गुरुग्राम गया था। जैसे ही गुरसेवक की मौत की सूचना गांव में पहुंची तो परिजन बेसुध हो गए।
परिजनों के अनुसार बुधवार शाम को गुरसेवक को अपनी पत्नी व बच्चों के साथ पंजाब के बरेटा में किसी रिश्तेदार के यहां जगराते में शिरकत करने के लिए जाना था। इसे लेकर उसको सोमवार को घर आना था। उसने दोपहर को घर वापसी के लिए ट्रेन में आना था, लेकिन मोबाइल से उसे मालूम हुआ कि वो ट्रेन काफी देरी से आएगी।
इसी बीच सोमवार को वह पुलिस टीम के साथ गाड़ी में गुरुग्राम से मेवात जा रहा था। उस दौरान उपद्रवियों ने गाड़ी पर पथराव व फायरिंग कर दी। इस उपद्रव में दो होमगार्ड की मौत हो गई, जिनमें एक गुरसेवक सिंह था। इस दंगे ने मां-बाप का जहां इकलौता बेटा छीन लिया, वहीं दो बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया।
खेतीबाड़ी करते हैं पिता
हालांकि, गंभीर हालत में घायल गुरसेवक को सोहना के निजी अस्पताल में दाखिल कराया गया था, लेकिन इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। गुरसेवक सिंह के पिता साहसी सिंह खेतीबाड़ी करते हैं। कुछ वर्ष पहले गुरसेवक का विवाह पंजाब के मूनक क्षेत्र में हुआ था। गुरसेवक के दो बच्चे हैं, जिनमें छह साल की बेटी व चार वर्ष का बेटा है।
पत्नी बोली- किसी ने डांटते हुए छीन लिया फोन
विलाप करती गुरसेवक की पत्नी ने बताया कि जिस समय गुरसेवक घर पर बात कर रहा था तो किसी ने उसे डांटते हुए फोन छीन लिया। गुरसेवक से सोमवार दोपहर 2 बजे के आसपास अंतिम बार बात हुई। उस समय किसी ने गुरसेवक से यह पूछ लिया कि मोबाइल में क्या कर रहे हो। इसके बाद उनका गुरसेवक से संपर्क नहीं हो पाया।

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