भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा रेपो रेट में लगातार दूसरी बार कटौती करने के बाद से बैंकों ने एफडी पर ब्याज घटाना शुरू कर दिया है। तमाम प्राइवेट और सरकारी बैकों ने एफडी पर ब्याज घटाया है। इसके बाद वैसे निवेशक जो जाखिम लिए बिना रिटर्न चाहते हैं, उनको झटका लगा है। हालांकि, ऐसा नहीं है कि अभी भी एफडी पर शानदार रिटर्न पाने का मौका खत्म हो गया है। अगर आप एफडी कराने की सोच रहे हैं तो स्मॉल फाइनेंस बैंक की ओर रुख कर सकते हैं। कई स्मॉल फाइनेंस बैंक एफडी पर अभी भी 8% से अधिक ब्याज ऑफर कर रहे हैं।
स्मॉल फाइनेंस बैंक में FD पर ब्याज दरें
- उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक- ब्याज दरें: 8.25% से लेकर 8.75% प्रति वर्ष
- जाना स्मॉल फाइनेंस बैंक- ब्याज दरें: 7.55% से लेकर 8.65% प्रति वर्ष
- इक्विटास स्मॉल फाइनेंस बैंक- ब्याज दरें: 8.05% से लेकर 8.55% प्रति वर्ष
- एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक- ब्याज दरें: 7.95% से लेकर 8.10% प्रति वर्ष
- सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक- ब्याज दरें: 8.75% से लेकर 9.10% प्रति वर्ष
- उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक- ब्याज दरें: 8.50% से लेकर 9.10% प्रति वर्ष
5 लाख तक का निवेश बिल्कुल सेफ
स्मॉल फाइनेंस बैंक (SFB) में आप अधिक ब्याज पा सकते हैं। वर्तमान ब्याज दरों में कटौती के माहौल में, स्मॉल फाइनेंस बैंक एक आकर्षक विकल्प बनकर उभरे हैं। मौजूदा समय में कई SFB आम निवेशकों को 8% से अधिक और वरिष्ठ नागरिकों को 9% से अधिक ब्याज दर प्रदान कर रहे हैं। हालांकि, SFB में एफडी करान के लिए आपको बचत खाता खोलना आवश्यक है, खासकर यदि आप सीधे बैंक के माध्यम से निवेश कर रहे हैं। अगर रिस्क की बात है तो ये बैंक RBI द्वारा विनियमित हैं और 5 लाख रुपये की DICGC बीमा सीमा के अंतर्गत आते हैं। यानी 5 लाख रुपये पर इंश्योरेंस कवर मिलता है। अगर बैंक डूबता है तो भी आपका पैसा सुरक्षित रहेगा। इसलिए एक बैंक में बड़ी रकम रखने से बचें और अपने कुल जोखिम को बीमाकृत सीमा के भीतर रखें।
NBFC में एफडी
गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) में एफडी पर ब्याज दर, सामान्य बैंकों की तुलना में 1–2% ज्यादा होती है। लेकिन बैंकों जैसा, NBFC डिपॉजिट्स पर DICGC की बीमा सुरक्षा नहीं होती।अगर आप ज्यादा जोखिम लेने के लिए तैयार हैं, तो आप कॉर्पोरेट डिपॉजिट में निवेश कर सकते हैं। हालांकि, आपको कॉर्पोरेट FD और स्मॉल फाइनेंस बैंकों द्वारा दी जाने वाली उच्च ब्याज वाली एफडी के जोखिम और रिटर्न की तुलना जरूर करनी चाहिए।
