First He Applied Bhaang And Then Made Tripund, Today Baba Mahakal Was Decorated Like This – Madhya Pradesh News
कालों के काल, विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि भस्म आरती के लिए सुबह चार बजे मंदिर के पट खुलते ही पंडे-पुजारियों ने गर्भगृह में स्थापित सभी देव प्रतिमाओं का पूजन कर भगवान महाकाल का जलाभिषेक किया। दूध, दही, घी, शक्कर और फलों के रस से बने पंचामृत से बाबा महाकाल का अभिषेक किया गया। प्रथम घंटाल बजाकर “हरि ओम” का जल अर्पित किया गया। कपूर आरती के बाद बाबा महाकाल को फूलों की माला पहनाई गई। आज के श्रृंगार की विशेष बात यह रही कि बाबा महाकाल को भांग से श्रृंगारित कर त्रिपुंड लगाया गया। साथ ही मोगरे की माला अर्पित कर उन्हें नवीन मुकुट से सजाया गया। इसके बाद महानिर्वाणी अखाड़े द्वारा बाबा को भस्म रमाई गई और कपूर आरती कर भोग अर्पित किया गया। भस्म आरती में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे, जिन्होंने बाबा महाकाल के दर्शन कर आशीर्वाद लिया और भक्ति भाव में लीन होकर “जय श्री महाकाल” के जयघोष लगाए।
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गुप्त नवरात्रि प्रारंभ…
आषाढ़ शुक्ल पक्ष की प्रथमा तिथि से गुप्त नवरात्रि की शुरुआत होती है। आज, 26 जून गुरुवार को आषाढ़ गुप्त नवरात्रि प्रारंभ हो गई है, जो 9 दिन बाद 4 जुलाई को समाप्त होगी। यह नवरात्रि विशेष रूप से तांत्रिक और आध्यात्मिक साधना के लिए जानी जाती है। गुप्त नवरात्रि साधकों और संतों के लिए अधिक महत्वपूर्ण मानी जाती है। मान्यता है कि इस काल में की गई साधना से अनेक प्रकार के कष्टों से मुक्ति प्राप्त होती है और साधक दुर्लभ शक्तियों को प्राप्त कर सकता है।



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