
सावन के पहले सोमवार को मंदिरों के द्वार खुलते ही श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ना शुरू हो गया। श्रद्धालु हाथों में पूजा की थाली और जल का लोटा लेकर सिर झुकाए हर हर महादेव का जयघोष लगाते हुए मंदिरों में पहुंचे। लिहाजा यह गहरे विश्वास, परंपरा और भक्ति के उस मिलन का था, जो सावन के साथ हर साल नये रंग में लौटता है।

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