आरोप है कि रमेश चंद मीना ने अपने पांच भाइयों और भाभी के नाम पर पट्टे जारी करवाए। भाजपा विधायकों ने बताया कि 2022 में करौली जिला कलेक्टर ने भू-राजस्व अधिनियम के तहत नयागांव में आवासीय विस्तार के लिए भूमि आवंटित की थी, जिसे गरीबों और बीपीएल परिवारों को दिया जाना था। लेकिन पंचायत अधिनियम की अनदेखी कर इस भूमि को गैर-जरूरतमंदों को बांट दिया गया।
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बताया जा रहा है कि इस भूमि पर अब 40 से अधिक दुकानें बन चुकी हैं और व्यापारिक गतिविधियां संचालित हो रही हैं। पट्टा प्राप्त करने वालों में एक भाई जिला परिषद करौली के पूर्व प्रमुख, दूसरा भाई जलदाय विभाग में संविदा कर्मी और तीसरा भाई पीडब्ल्यूडी में ‘ए’ क्लास ठेकेदार है।
मामले के उजागर होने के बाद पंचायतीराज मंत्री मदन दिलावर ने कार्रवाई की घोषणा की है। इसमें सरपंच और ग्राम विकास अधिकारी के खिलाफ एसीबी में एफआईआर, आवंटित पट्टों को निरस्त कर बेदखली की प्रक्रिया और सरपंच को स्थायी रूप से अयोग्य ठहराने की सिफारिश शामिल है।
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यह मुद्दा सपोटरा विधायक हंसराज बालोती ने विधानसभा में उठाया था, जिसके जवाब में सरकार ने यह जानकारी दी। भाजपा विधायकों ने इस घोटाले पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। प्रेस वार्ता में भाजपा जिला अध्यक्ष गोवर्धन सिंह, करौली नगर परिषद सभापति प्रतिनिधि सुशील शर्मा, प्रताप पाकड़, भाजपा जिला मीडिया प्रभारी मुकेश सालोत्री सहित अन्य भाजपा नेता भी मौजूद रहे।
