Fungus And Grub Disease In Newly Sown Wheat Farmers Many Acres Of Crop Destroyed In Machhiwada Sahid Ludhiana – Amar Ujala Hindi News Live

सरकार से मुआवजे की मांग करते हुए बीकेयू सिद्धुपुर में नेता।
– फोटो : संवाद
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पंजाब के किसानों के लिए नई परेशानी खड़ी हो गई है। पंजाब के माछीवाड़ा क्षेत्र में नई बोई गेहूं की फसल सूंडी और फंगस बीमारी से प्रभावित हो गई है, जिसके कारण किसानों को इसकी बुआई करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। माछीवाड़ा के नजदीक गांव तक्खरां के किसान महिंदर सिंह ने बताया कि उन्होंने 17 एकड़ गेहूं सरकार की हिदायतों के मुताबिक पराली को आग न लगाकर खेतों में बुआई कर गेहूं की बिजाई की थी।
उन्होंने कहा कि कुछ दिनों के बाद उन्होंने देखा कि खेतों में गेहूं पूरी तरह से विकसित नहीं हो रहा था और जब उन्होंने उसे खोदा तो उसकी जड़ में सूंडी और फंगस बीमारी फैल गई थी। किसानों का आरोप है कि इस बार सख्ती के चलते उन्होंने पराली में आग नहीं लगाई और उसे खेतों में ही बुआई कर गेहूं की बिजाई कर दी, जिससे यह बीमारी हुई।
किसान महिंदर सिंह ने कहा कि उन्होंने गेहूं की बुआई पर प्रति एकड़ करीब 8 से 10 हजार रुपये प्रति एकड़ खर्च किए, लेकिन अब वह बुआई करने को मजबूर हैं और दोबारा गेहूं की बुआई करेंगे। किसान ने बताया कि उसे काफी आर्थिक नुकसान हुआ है और अब नई बोई गई गेहूं की पैदावार भी कम होगी, जिससे यह फसल उसके लिए काफी घाटे का सौदा साबित होगी।
दोबारा की फसल की बिजाई
गांव तक्खरां के किसान बलदेव सिंह ने बताया कि उनकी 6 एकड़ गेहूं की फसल में भी यही रोग लगा और उन्होंने फसल को बुआई कर दोबारा बिजाई भी कर दी। इसके अलावा किसान नायब सिंह और जसविंदर सिंह ने बताया कि उनकी नई लगाई गई फसल में फंगस और सूंडी रोग लगने के कारण उन्होंने इस फसल की बुआई कर दी।
सरकार करे नुकसान की भरपाई
किसानों ने बताया कि राणवां, तक्खरां व आसपास के अन्य गांवों में नई बोई गई गेहूं की फसल इस बीमारी की चपेट में आ गई है, जिसका मुख्य कारण खेतों में पराली की बुआई करना है। किसानों की मांग है कि सरकार उन्हें हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई करे।

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