Gandak River Wreaks Havoc, Three Villages Cut Off From Communication.. Going To School Becomes Life-threatenin – Amar Ujala Hindi News Live – Bettiah News:गंडक नदी का कहर, तीन गांवों का टूटा संपर्क.. स्कूल जाना बना जानलेवा

नेपाल के तराई क्षेत्रों में जारी मूसलधार बारिश ने बिहार में भी संकट खड़ा कर दिया है। सीमावर्ती पश्चिम चंपारण जिले के योगापट्टी प्रखंड में गंडक नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने के कारण जरलपुर खुटवनिया पंचायत के कई गांव जलमग्न हो गए हैं। गांवों का सड़क संपर्क पूरी तरह से टूट गया है, जिससे जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। जरलपुर खुटवनिया पंचायत के बौरिया, गोड़टोली और हरिजन टोली गर्जना गांव अब चारों तरफ से पानी से घिर चुके हैं। गांवों को जोड़ने वाली सड़कें पूरी तरह से जलमग्न हो चुकी हैं। स्थानीय लोगों को या तो पानी में पैदल चलकर सफर करना पड़ रहा है या फिर वे घरों में ही फंसे हुए हैं।बाढ़ का सबसे गंभीर असर स्कूली बच्चों पर पड़ा है। बाढ़ग्रस्त गांवों में स्थित विद्यालयों तक पहुंचना अब बच्चों और शिक्षकों दोनों के लिए जोखिम भरा हो गया है। बच्चे कमर तक पानी पार कर स्कूल जाने को मजबूर हैं। इससे न केवल उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है, बल्कि जान का भी खतरा बना हुआ है। बच्चे रोज स्कूल जाने के लिए पानी में गिरते पड़ते जाते हैं। कभी कुछ हो गया तो कौन ज़िम्मेदार होगा। बढ़ते खतरे को देखते हुए ग्रामीणों और शिक्षकों ने प्रशासन से मांग की है कि स्कूलों को अस्थायी रूप से किसी ऊंचे और सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया जाए ताकि बच्चों की पढ़ाई जारी रह सके और उनकी सुरक्षा भी सुनिश्चित हो। घटनास्थल से आई तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि कैसे ग्रामीण, बच्चे और महिलाएं पानी में डूबी सड़कों से गुजरते नजर आ रहे हैं। कई लोग साइकिल लेकर पानी में धँसते हुए स्कूल और बाजार तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। बावजूद इस गंभीर स्थिति के, अभी तक प्रशासन की ओर से कोई राहत कार्य शुरू नहीं किया गया है। ना नाव भेजी गई, ना कोई मेडिकल या रेस्क्यू टीम। ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है और वे सोशल मीडिया व स्थानीय नेताओं से मदद की अपील कर रहे हैं।गंडक नदी का उफान अब पश्चिम चंपारण में गंभीर रूप लेता जा रहा है। गांवों में जलजमाव से न केवल आम जनजीवन ठप हो गया है, बल्कि स्कूली शिक्षा भी ठहर सी गई है। प्रशासन को जल्द से जल्द हालात का संज्ञान लेना चाहिए और ठोस कदम उठाने चाहिए, वरना यह संकट बड़ा रूप ले सकता है।

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