दमोह राज्य परिवहन निगम के पुराने जर्जर बस स्टैंड यात्री प्रतीक्षालय को सील करने की कार्रवाई शनिवार से शुरू हो गई है। इसके लिए पीडब्ल्यूडी और परिवहन विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में चद्दर और लोहे के एंगल के माध्यम से सभी प्रवेश द्वारों को बंद कर दिया जाएगा। इससे यहां कोई व्यक्ति अंदर प्रवेश न कर सके। यह प्रक्रिया आगामी तीन से चार दिन में पूरी हो जाएगी। इसके बाद ही आगे की प्रक्रिया शुरू होगी।
इसके पूर्व एसडीएम आरएल बागरी की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया। इसमें परिवहन अधिकारी, नगरपालिका प्रभारी सीएमओ, पीडब्ल्यूडी अधिकारी, यातायात पुलिस व बस यूनियन के मेंबर शामिल हुए। इस बैठक में बस यूनियन की ओर से बस संचालकों और यात्रियों की सुविधा को मद्देनजर बिल्डिंग सील नहीं करने की बात रखी। जिस पर एसडीएम ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि बिल्डिंग पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी है। हाईकोर्ट ने भी इसके उपयोग नहीं करने का आदेश दिया है। जिसका पालन हम सबको को करना होगा। साथ ही किसी भी तरह की दलील इस विषय पर नहीं सुनी जाएगी। जिस पर सभी ने एक सहमति से जर्जर भवन को सील करने की सहमति बनाई। एसडीएम ने पीडब्ल्यूडी विभाग को बिल्डिंग सील कराने के निर्देश दिए। साथ ही बस स्टैंड परिसर में पहुंचकर एक बार भवन और प्रवेश स्थलों का जायजा लिया। साथ ही किन-किन स्थानों को ब्लॉक करना है यह भी बताया गया।
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इसके बाद शनिवार से पीडब्ल्यूडी और परिवहन विभाग के कर्मचारियों की मौजूदगी में बस स्टैंड प्रतीक्षालय को पूरी तरह सील करने के लिए लोहे के एंगल और चद्दर से प्रवेश बंद किए जा रहे हैं। जिससे कि कोई भी व्यक्ति यहां प्रवेश नहीं कर सके। परिवहन अधिकारी क्षितिज सोनी ने बताया कि भवन में एक बोर्ड भी लगाया गया है, जिसमें जर्जर होने की सूचना लिखी हुई है। इसके अलावा बैठक में तय बिंदुओं के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी। बस स्टैंड पर यात्रियों को बैठने के लिए शेड का निर्माण करने सहित अन्य कार्रवाई भी संचालित की जाएगी, लेकिन उसके पहले उक्त भवन को सील किया जा रहा है।
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बता दें नए बस स्टैंड का निर्माण सागर नाका पर पीपीई मोड पर किया जा रहा है। इसके निर्माण में काफी समय लगेगा। बस स्टैंड पर जो राज्य परिवहन निगम का बस स्टैंड है वहीं सभी बसें संचालित होती हैं। यहां यात्रियों को तो कोई सुविधा उपलब्ध नहीं होती, लेकिन पूरी बिल्डिंग में बस संचालकों का कब्जा जरूर है।

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