Grand Glimpse Of Shiva Devotion In Sehore, One Lakh Devotees Performed Jalabhishek At Kubereshwar Dham, See Ph – Amar Ujala Hindi News Live

सावन के दूसरे सोमवार को कुबेरेश्वरधाम शिव भक्ति में डूबा रहा। सीवन नदी के तट से लेकर मंदिर परिसर तक श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली। देश के कोने-कोने से आए लाखों कांवड़िए कंधों पर जल लेकर भोलेनाथ को अर्पित करने पहुंचे। इस पावन अवसर पर हर मार्ग पर “हर-हर महादेव” के जयघोष, डीजे-झांकियां और सेवा पंडालों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। हरियाणा से आए श्रद्धालु आशीष ने लगभग 80 किलो गंगाजल लेकर भगवान शिव को अर्पित किया। डाक कांवड़ की रफ्तार लगातार बढ़ रही है। श्रद्धालु संतान, नौकरी और अन्य मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए कांवड़ लेकर धाम पहुंच रहे हैं।
रुद्राभिषेक से प्रसन्न होते हैं भगवान शिव
कथा के दौरान उन्होंने रुद्राभिषेक की महिमा भी बताई। उन्होंने कहा कि भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए बड़े अनुष्ठान की आवश्यकता नहीं होती, केवल जल और बेलपत्र से भी भोलेनाथ प्रसन्न हो जाते हैं। रुद्राभिषेक में प्रयुक्त वस्तुएं जैसे दूध, घी, शहद, बेलपत्र, धतूरा आदि स्वास्थ्यवर्धक भी होते हैं और इनसे शिव कृपा प्राप्त होती है।
शिक्षा और बेटियों को लेकर दिया सामाजिक संदेश
कथा के माध्यम से पंडित मिश्रा ने शिक्षा को देश की जड़ बताते हुए वेदों के संरक्षण की कथा सुनाई। उन्होंने नारायण के हयग्रीव अवतार का उल्लेख करते हुए बताया कि कैसे उन्होंने असुरों से वेदों को बचाकर ज्ञान का पुनर्स्थापन किया। इसके अलावा उन्होंने लिंग भेद मिटाने का संदेश भी दिया। नेपानगर की एक बहन के पत्र का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि बेटा और बेटी में कोई अंतर नहीं है। उस बहन ने शिव भक्ति से दो बेटों की प्राप्ति की बात साझा की थी, जो समाज को बेटियों को बराबरी का स्थान देने की प्रेरणा देता है। शहर में कांवड़ यात्रियों के लिए कई स्थानों पर बड़े-बड़े सेवा पंडाल लगाए गए, जहां भोजन, जल और प्रसादी की व्यवस्था की गई थी। भोलेनाथ के भक्त बिना थकान की परवाह किए मंदिर की ओर बढ़ते रहे। पूरे शहर में शिवमय वातावरण देखने को मिला।

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