
नोहर फीडर टूटने से खेतों में भरा पानी
– फोटो : संवाद
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हरियाणा के सिरसा में राजस्थान को जाने वाली नोहर फीडर माइनर रविवार रात करीब 12 बजे ओवरफ्लो होकर गांव ढुकड़ा के पास टूट गई। पानी का बहाव तेज होने के कारण आसपास के क्षेत्र की 250 एकड़ खड़ी फसल डूब गई। सूचना मिलने पर सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने हेड से पानी बंद करवाया गया। नहर में बहाव ज्यादा होने के कारण सोमवार शाम तक ही नहर में पानी कम हो पाया।
अब मंगलवार को ही नहर पाटने का काम किया जाएगा। दूसरी ओर किसानों के खेतों में तीन से चार फुट तक पानी भर गया है। इसके अलावा ढाणियों में भी पानी घुस गया है, जिससे घरों को भी नुकसान पहुंचा है। किसानों ने सरकार से मुआवजा देने की मांग की है।
बंसीलाल कुलरिया, महावीर कुलरिया, प्रलहाद सोनी, विनोद सोनी, राजेश कलवासिया, मदन ढाढेला, सुभाष सिहाग ने बताया कि दो दिन पहले तेज अंधड़ के कारण पेड़ व उनकी टहनियां टूट कर नहर में गिर गई थीं। इनको सिंचाई व वन विभाग की ओर से हटाया नहीं गया। इस कारण बनी रुकावट के चलते नहर ओवर फ्लो हो गई।
पानी की तेज आवाज आने पर रात को आसपास की ढाणियों के किसानों ने बैटरी की लाइट से देखा तो नहर टूट चुकी थी। इसके बाद सिंचाई विभाग के अधिकारियों को फोन कर पानी को बंद करवाया।
फसल के साथ सोलर पंप और घरों को हुआ नुकसान
किसानों के अनुसार जहां उनकी नरमा और धान की आई हुई फसल को नुकसान हुआ है। इसके साथ-साथ 50 सोलर पंप और आस-पास की ढाणियों को नुकसान हुआ है। कई ढाणियों के आने-जाने के रास्ते भी जलभराव के कारण बंद हो गए।
मेरे खेत नहर के पास हैं। रविवार रात को नहर अचानक टूट गई। सुबह जब उठे तो धान की फसल में पानी भरा हुआ था। दो दिनों में फसल निकालने की सोच रहे थे। तीन-चार दिन पानी जमा रहेगा तो फसल खराब हो जाएगी। – राजेंद्र सोनी, किसान।
नरमा और धान की दोनों फसलों को नुकसान हुआ है। नरमे की चुगाई शुरू करवानी थी। अब पानी भरने से पूरी फसल बर्बाद हो जाएगी। सरकार से मांग है कि वह फसल की गिरदावरी करवाकर मुआवजा दे। – दलबीर कलवासियां, किसान।
नहर के पानी का बहाव ज्यादा था। नहर बंद करने के बाद भी 12 घंटे पानी को उतरने में लगते हैं। तब तक पूरी तरह से खेत पानी में डूब जाएंगे और घरों को भी नुकसान होगा। सरकार से मांग है कि वह मुआवजा दें। – भागमल सेवदा, किसान।
फसल पानी में डूबने के कारण पूरी मेहनत बेकार हो गई। मेहनत के साथ पैसा भी खर्च हुआ है और अब फसल बेचने का वक्त आया तो नहर टूट गई। आर्थिक नुकसान की भरपाई सरकार को करनी चाहिए। – सुनील सोनी, किसान।

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