
संबोधित करते मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी।
– फोटो : संवाद (फाइल)
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हरियाणा में नाराज चल रहे प्रदेश के सरपंचों के लिए मंगलवार को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने घोषणाओं का पिटारा खोल दिया। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय सभागार में आयोजित राज्य स्तरीय पंचायती राज एवं सरपंच सम्मेलन में उन्होंने ऐलान किया कि अब सरपंच ई-टेंडरिंग के बगैर 21 लाख रुपये तक के विकास कार्य अपनी ग्राम पंचायतों में करवा सकेंगे।
इससे पहले यह यह सीमा पांच लाख रुपये तक ही थी। यही नही अब सरपंच ग्राम पंचायतों के कार्यों के लिए यात्रा करने पर 16 रुपये प्रति किलोमीटर की दर से यात्रा खर्च क्लेम कर सकेंगे। टीए डीए क्लेम करने के बिल का अनुमोदन भी बीडीपीओ के स्तर पर होगा।
मुख्यमंंत्री ने कहा कि ग्राम पंचायत द्वारा भरत (मिटटी की लागत) का प्रस्ताव पास करके भेजने पर इसका खर्च भी एस्टीमेट में शामिल किया जाएगा। इससे पहले भरत की लागत कार्य के एस्टीमेट में शामिल नहीं होती थी और भरत का काम मनरेगा से अथवा गांव द्वारा अपने खर्चे पर करवाना पड़ता था। उन्होंने कहा कि सरपंच जैसे ही किसी विकास कार्य के लिए पंचायत द्वारा पारित प्रस्ताव पोर्टल पर डालेगा तो जूनियर इंजीनियर को उसके 10 दिन के भीतर एस्टीमेट बनाकर अपलोड करना होगा।
ग्राम पंचायत द्वारा गांव में स्वतंत्रता दिवस तथा गणतंत्र दिवस पर किए जाने वाले आयोजन व किसी विशिष्ट अधिकारी या मंत्री के गांव में आगमन पर किए जाने वाले कार्यक्रम के लिए पंचायत फंड से खर्च की सीमा को 3000 रुपये से बढ़ाकर 30 हजार रुपये करने की घोषणा की।
यहीं नहीं राष्ट्रीय ध्वज खरीदने या राष्ट्रीय पर्व पर मिठाई बांटने, पंचायत की गतिविधियों के प्रचार करने इत्यादि पर खर्च की सीमा को 500 से बढ़ाकर पांच हजार रुपये करने का ऐलान किया। गांव में होने वाले सरकारी कार्यक्रमों के मद्देनजर सरपंच के पद को प्रोटोकॉल सूची में शामिल करने की भी घोषणा की, जिसके तहत अब सरपंच के बैठने का स्थान डीसी व एसपी के साथ होगा।
सम्मेलन में राज्यमंत्री सुभाष सुधा, डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा, लोक निर्माण विभाग के मंत्री डाॅ. बनवारी लाल, शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा, राज्यमंत्री डाॅ. अभय यादव, विधायक दुड़ा राम आदि शामिल रहे।
वकीलों की फीस में पांच गुना की बढ़ोतरी, सफाई कर्मियों का भी मानदेय बढ़ाया
सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने अधिवक्ताओं की फीस बढ़ाने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि जिला या उपमंडल स्तर पर कोर्ट केस के लिए वकील की फीस 1100 से बढ़ाकर 5500 रुपये तथा उच्च न्यायालय व उच्चतम न्यायालय में पैरवी हेतु फीस 5500 रुपये से बढ़ाकर 33 हजार रुपये की जाएगी। मुख्यमंत्री ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में तैनात सफाई कर्मचारियों के मानदेय में एक हजार रुपये की बढ़ोतरी की घोषणा भी की।
लोकतंत्र की सशक्त तस्वीर है ग्रामीण सरकार : नायब सैनी
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि गांव की सरकार लोकतंत्र की सशक्त तस्वीर होती है। भाजपा सरकार ने इसे मजबूत करने का काम किया है। वर्ष 2014 से पहले पंचायतों के लिए राज्य वित्त आयोग का अनुदान 600 करोड़ रुपये था, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हरियाणा के लिए अनुदान की इस राशि को बढ़ाकर 2968 करोड़ रुपये किया गया है। इतना ही नहीं, वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में ग्रामीण विकास के लिए 7276.77 करोड़ आवंटित किए गए हैं, जबकि पूर्व की सरकार में 2013-14 के दौरान यह राशि 1898.48 करोड़ रुपये ही थी।
राज्य सरकार सरपंचों के साथ खड़ी : ढांडा
प्रदेश के विकास एवं पंचायती राज्य मंत्री महिपाल ढांडा ने कहा कि जो कठिनाइयां सरपंचों के सामने आ रहीं थीं, आज उनका समाधान किया गया है। सरपंचों को आश्वासन देते हुए कहा कि राज्य सरकार उनके साथ खड़ी है। पंचायत प्रतिनिधियों की यह समस्त टीम आने वाले दिनों में हरियाणा का नक्शा बदलने का काम करेगी।

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